पतझड़ में
पेड़ से गिरते
पत्तों को देख
तू उदास मत होना,
ये तो
बहार आने को है
ये सन्देश
देने को निकले हैं।
8.2.10
तू उदास मत होना
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
पतझड़ में
पेड़ से गिरते
पत्तों को देख
तू उदास मत होना,
ये तो
बहार आने को है
ये सन्देश
देने को निकले हैं।
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
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1 comment:
"सत्य वचन...."
प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
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