Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

16.3.11

* मुस्लिम जनजाति

मैंने लिखा कि माओवादी भी इस देश के मानी जनजाति  हैं जैसा कि भारत में हमेशा कुछ जातियां  
जरायमपेशा के रूप में जानी जाती थीं |
    इसी प्रकार कुछ साम्प्रदायिक हिन्दू नेता मुसलमानों कि हरकतों से परेशान हैं | उनसे भी मैं यही सांत्वना देना चाहता हूँ कि मुस्लमान  भी भारत की  एक जनजाति के ही  सामान हैं | वे धर्म नहीं ,एक संप्रदाय , एक जनजातीय जीवन शैली के शिकार हैं | धीरे -धीरे वे भी सभ्य हो जांयगे / हो ही रहे हैं | लेकिन हिन्दू तो हिंदुस्तान का महा -धर्म है ! उसे महान सभ्यता का धर्म बनना चाहिए | समस्या तो है ,पर इससे घबराना नहीं चाहिए | इन्हें बर्दाश्त करने /पचाने की शक्ति अपने अन्दर विकसित करना चाहिए | क्षुद्र मानस और छिछले उपायों से इन्हें परास्त नहीं किया जा सकता | धैर्य रखें तो ये अपने आप सुधर जायंगे  या आपस में ही लड़ , कट -मर कर समाप्त हो जायेंगे |  ###
-----------------------------------
व्यक्ति-समाज  

1 comment:

shrish srivastava said...

समझ ही नहीं आ रहा की कि क्या कमेन्ट करू। बस इतना बता दीजिये कि आपकी राय मान ले तो फिर अंग्रेजो के विरुध मोर्चा क्यों खोला गया। उनके सुधरने का इंतज़ार अगर किया जाता तो आज हमारी क्या स्तिथि होती।