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7.11.11

सब इतना तंग क्यों




सब इतना तंग क्यों
तंग है खुशियों के पल
तंग है संग उनके हम
इतना तंग है प्यार क्यों
तंग है वक़्त तेरे पास
  तंग है सब तंग से क्यों
सब इतना तंग क्यों

1 comment:

mridula pradhan said...

bahut samayik......aur sahi.