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16.11.11

हो रहा भारत निर्वाण !!


हो रहा भारत निर्वाण !!



हो रहा भारत निर्वाण  !!


सपने बुनकर.......जमकर लुटा.........पाया तुमने कई गुणा..........मेरे सपने....कब सच होंगे?

......वो बोले- .........सपने भी सच होते हैं क्या?


भाई ..बंधू ...मित्र... कबीला.......खेल रहा...... लाखों का खेला ....तेरी और इनकी उन्नति के,
........आये अवसर......... कई गुणा . मेरी उन्नति .........अब कब होगी?...............

...वो बोले -तुझको इन बातों से क्या ? 

खोल के टी.वी....मौज से देखो...हो रहा भारत नि .र्मा .ण?निर्वाण!!  हुयी तरक्की, कई गुनाह !!

1 comment:

Mirchi Namak said...

भाई बहुत अच्छा कटाक्ष है भारत सरकार के मनमाने प्रचार पर हकीकत क्या है ये हम सब जानते है सरकार को उसका असली चेहरा दिखाने के लिये धन्यवाद..