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10.11.11

हराम क्या है

* मैं अपने बच्चों की आरजूओं का क़त्ल होते न देख पाया ,
मैं जानता था कि जिंदगी में हराम क्या है , हलाल क्या है ।
[ मो वासिफ फ़ारूकी ]
* अन्ना न अपने हाथ से ब्लॉग लिख पाते हैं , न अपने दिमाग से निर्णय ले पाते हैं । कितने बेबस हो जाते हैं बूढ़े ! #
* उत्तराखंड का लोकपाल अच्छा , बिहार का बेकार ' , अन्ना टीम [टीम क्या , उसमे बस एक ही सदस्य है और उसका नाम मैं जुबान पर लाना नहीं चाहता] लोकपाल विशेषज्ञ हो गयी है । या कहना चाहिए उसने इसका ठेका लिया हुआ है । #
* लोकपाल कमज़ोर या मज़बूत नहीं होगा । सरकार मजबूत होगी तो वह कमज़ोर लोकपाल से भी मजबूती का काम ले लेगी । #
* ऐसे ही कुछ संकट सरकार और संस्थाओं में भी आते हैं । यदि भ्रष्टाचार देखें तो अन्ना टीम के प्रमुख सदस्यों को निकाल बाहर किया जाना चाहिए , लेकिन यदि आन्दोलन की चिंता करें तो इन पाँच के बगैर वह बेगाना हो जायगा । #

1 comment:

Shikha Kaushik said...

16 aane sach likha hai .