सिर्फ सात फेरे औरत को कितना बांध देते हैं
यहएक औरत ही जानती है
ताज़्ज़ुब तो यह है कि वह
इस बंधन को बंधन नहीं मानती है
और वह भी जो कभी
इन फेरों में चल रहा था कभी आगे
तो कभी साथ-साथ
फेरों के फेर को जाने कब
और कैसे भूल जाता है?
चुपचाप फिर जाता है
और वह तभी जान पाती है
जब वह ले चुका होता है
घोषित या अघोषित
सात फेरे किसी और औरत के साथ
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