अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
शुभंकर: पिता क्या है ? मैं कवि बनके रवि पर लिख दूंगा, ये तो मेरी कीमत है ! पर उन पित...
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