*** शहीद के परिवार पर दबंगों का कहर ***
--- बेवा प्रपौत्री को पीटा, फायरिंग कर झोपड़ी में आग लगाई
--- पुलिस वालों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं नामजद अभियुक्त
**** अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री है बेवा इंदू ****
शाहजहांपुर। एक टूटीफूटी झोपड़ी में रहकर अपने तीन मासूम बच्चों के साथ खेतों में मजदूरी करके जीवन गुजार रही शहीद ठाकुर रोशन सिंह की विधवा प्रपौत्री इंदू सिंह की झोपड़ी में दबंगों ने आग लगा दी। यही नहीं दबंगों ने फायरिंग की और बेवा की बेरहमी से पिटाई भी कर दी। लहूलुहान बेवा को पुलिस ने चार दिन तक टरकाने के बाद एसपी के हस्तक्षेप पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब आरोपियों को पकड़ने के वजाय पुलिस अभियुक्तों के साथ गांव में घूमती है। जांच के नाम पर बेवा के पास सवाल-जवाब करने पहुंची दबंगों को भी साथ ले गई। पुलिस की इस कार्यशैली से पीडि़त बेवा और उसके मासूम बच्चे सहमे हुए हैं।
घटना थाना सिंधौली के ग्राम पैना वजुर्ग की है। काकोरी कांड के शहीद ठाकुर रोशनसिंह की प्रपौत्री इंदू सिंह इसी गांव में ब्याही है। करीब सात साल पहले इंदू के पति धनपाल सिंह का निधन हो गया। धनपाल के पास जमीन जायदाद नहीं थी। धनपाल अपने पीछे पत्नी इंदू और तीन बच्चों विजय (15), गौरव (13) और अमन (10) को छोड़ गया। पति की मौत के बाद से ही इंदू सिंह अपने तीनों बच्चों के साथ गांव के भानूसिंह के खेत में घासफंूस की मढ़ैया डालकर रहती है। इंदू नरेगा मजदूर है। पेट पालने के लिए उसके मासूम बच्चों को भी खेतों में मजदूरी करनी पड़ती है। 1 जून की घटना है। गांव के दबंग सोनू सिंह व अनुज सिंह इंदू के जेठ ब्रजपाल को लाठियों और बंदूक की बेटों से पीट रहे थे। इंदू ने बचाने का प्रयास किया तो हमलावर उस पर टूट पड़े। पीट पीटकर इंदू को लहूलुहान कर दिया। उसका सिर फोड़ डाला। वह बचाव के लिए चीखती रही, लेकिन गांव का कोई व्यक्ति उसे बचाने नहीं आया। दबंगई दिखाने के लिए हमलावरों ने इंदू की झोपड़ी में आग लगा दी और फायरिंग करते हुए फरार हो गए। झोपड़ी के साथ उसकी गृहस्थी जलकर राख हो गई। खाने के लिए अन्न की बात तो दूर, उसके और बच्चों के पहनने के लिए कपड़े तक नहीं बचे। वह उसी समय गांव के कुछ लोगों को लेकर थाने गई, लेकिन पुलिस ने उसे टरका दिया। चार दिन तक पुलिस उसे थाने से भगाती रही। जिस पर वह एसपी से आकर मिली। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। जिस पर पुलिस ने 4 जून को हत्या के प्रयास की धाराओं समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब पुलिस उन्हीं दोनों नामजद अभियुक्तों के साथ घूम रही है। आज पुलिस जांच के नाम पर इंदूसिंह के पास पहुंची तो दोनों नामजद अभियुक्त भी सीना ताने पुलिस के साथ थे। पुलिस की मौजूदगी में वह धमकाते भी रहे। पुलिस के इस व्यवहार से बेवा इंदू बेहद घबड़ाई हुई है। बीती शाम गांव के लोगों ने मदद का उसका मढ़ैया तो डलवा दी, लेकिन उसके पास न खाने को दाना है और न पहनने को कपड़े बचे हैं
ye samachar 'shahjahanpur samachar 'ne prakashit kiya hai.
--- बेवा प्रपौत्री को पीटा, फायरिंग कर झोपड़ी में आग लगाई
--- पुलिस वालों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं नामजद अभियुक्त
**** अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री है बेवा इंदू ****
शाहजहांपुर। एक टूटीफूटी झोपड़ी में रहकर अपने तीन मासूम बच्चों के साथ खेतों में मजदूरी करके जीवन गुजार रही शहीद ठाकुर रोशन सिंह की विधवा प्रपौत्री इंदू सिंह की झोपड़ी में दबंगों ने आग लगा दी। यही नहीं दबंगों ने फायरिंग की और बेवा की बेरहमी से पिटाई भी कर दी। लहूलुहान बेवा को पुलिस ने चार दिन तक टरकाने के बाद एसपी के हस्तक्षेप पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब आरोपियों को पकड़ने के वजाय पुलिस अभियुक्तों के साथ गांव में घूमती है। जांच के नाम पर बेवा के पास सवाल-जवाब करने पहुंची दबंगों को भी साथ ले गई। पुलिस की इस कार्यशैली से पीडि़त बेवा और उसके मासूम बच्चे सहमे हुए हैं।
घटना थाना सिंधौली के ग्राम पैना वजुर्ग की है। काकोरी कांड के शहीद ठाकुर रोशनसिंह की प्रपौत्री इंदू सिंह इसी गांव में ब्याही है। करीब सात साल पहले इंदू के पति धनपाल सिंह का निधन हो गया। धनपाल के पास जमीन जायदाद नहीं थी। धनपाल अपने पीछे पत्नी इंदू और तीन बच्चों विजय (15), गौरव (13) और अमन (10) को छोड़ गया। पति की मौत के बाद से ही इंदू सिंह अपने तीनों बच्चों के साथ गांव के भानूसिंह के खेत में घासफंूस की मढ़ैया डालकर रहती है। इंदू नरेगा मजदूर है। पेट पालने के लिए उसके मासूम बच्चों को भी खेतों में मजदूरी करनी पड़ती है। 1 जून की घटना है। गांव के दबंग सोनू सिंह व अनुज सिंह इंदू के जेठ ब्रजपाल को लाठियों और बंदूक की बेटों से पीट रहे थे। इंदू ने बचाने का प्रयास किया तो हमलावर उस पर टूट पड़े। पीट पीटकर इंदू को लहूलुहान कर दिया। उसका सिर फोड़ डाला। वह बचाव के लिए चीखती रही, लेकिन गांव का कोई व्यक्ति उसे बचाने नहीं आया। दबंगई दिखाने के लिए हमलावरों ने इंदू की झोपड़ी में आग लगा दी और फायरिंग करते हुए फरार हो गए। झोपड़ी के साथ उसकी गृहस्थी जलकर राख हो गई। खाने के लिए अन्न की बात तो दूर, उसके और बच्चों के पहनने के लिए कपड़े तक नहीं बचे। वह उसी समय गांव के कुछ लोगों को लेकर थाने गई, लेकिन पुलिस ने उसे टरका दिया। चार दिन तक पुलिस उसे थाने से भगाती रही। जिस पर वह एसपी से आकर मिली। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। जिस पर पुलिस ने 4 जून को हत्या के प्रयास की धाराओं समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब पुलिस उन्हीं दोनों नामजद अभियुक्तों के साथ घूम रही है। आज पुलिस जांच के नाम पर इंदूसिंह के पास पहुंची तो दोनों नामजद अभियुक्त भी सीना ताने पुलिस के साथ थे। पुलिस की मौजूदगी में वह धमकाते भी रहे। पुलिस के इस व्यवहार से बेवा इंदू बेहद घबड़ाई हुई है। बीती शाम गांव के लोगों ने मदद का उसका मढ़ैया तो डलवा दी, लेकिन उसके पास न खाने को दाना है और न पहनने को कपड़े बचे हैं
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