दिल्ली गैंगरेप के बाद से ही चारों तरफ
महिला सुरक्षा को लेकर मंथन हो रहा है। सरकार ने भी आखिरकार नींद से जागने के बाद
एंटी रेप बिल संसद में पेश किया जिस पर मुहर संसद की मुहर भी लग चुकी है लेकिन ये
सवाल पहले दिन से ही जेहन में उमड़ रहा है कि क्या सिर्फ कड़े कानून बनाने से
महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आएगी..? क्या अपराधियों में कानून का खौफ पैदा
होगा..?
इस सब के बीच यूपी के देवरिया जिले में एक
एएसपी की बलात्कार पीड़िता पर की गयी टिप्पणी ने तो इन सवालों का जवाब ढूंढ़ना और
भी मुश्किल कर दिया है..! दरअसल बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने देवरिया
जिले में तैनात एएसपी केसी गोस्वामी के पास पहुंची पीड़िता से केसी गोस्वामी साहब
ने उसके बच्चों की उम्र पूछते हुए कहा कि इतनी उम्र की महिला के साथ कौन बलात्कार
करेगा..? (जरूर पढ़ें- अबोध कन्याओं से यौन अपराध क्यों..? )
पीड़ित की शिकायत दर्ज कर आरोपियों को
सलाखों के पीछे पहुंचाने की बजाए जब पुलिस अधिकारी इस तरह का रवैया अपनाएंगे तो
अंदाजा लगाया जा सकता है कि बलात्कार की पीड़ित कितनी महिलाओं की शिकायत संबंधित थाने
में दर्ज होती होंगी और कितने आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचते होंगे। जब इंसाफ की
गुहार लगाने पुलिस के पास पहुंची पीड़ित के प्रति पुलिस का ऐसा रवैया रहेगा तो
क्या इससे दुष्कर्म करने वालों का हौसला नहीं बढ़ेगा..?
दुष्कर्म की शिकार होने के बाद अधिकतर
पीड़ित या उनके परिजन सिर्फ इसलिए शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास नहीं जाते
क्योंकि कहीं न कहीं उनकी शिकायत दर्ज करने की बजाए थाने में उनसे तरह तरह के सवाल
पूछकर उन्हें और ज्यादा अपमानित किया जाता है..! हालांकि सौ प्रतिशत
मामलों में ये बात लागू नहीं होती लेकिन दुर्भाग्य से देश के कई हिस्सों में ऐसी
घटनाएं आम हैं..! (जरूर पढ़ें- बलात्कार- 1971 से 2012 तक !)
सरकार एक तरफ महिलाओं के खिलाफ अपराध करने
पर दोषियों के खिलाफ कड़े कानून बना रही है...उन्हें सख्त से सख्त सजा देने की
दिशा में काम कर रही है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब तक यूपी जैसे किसी राज्य के
देवरिया जैसे किसी जिले में केसी गोस्वामी जैसे अधिकारी पुलिस विभाग में तैनात
रहेंगे तो कैसे अपराधियों पर लगाम कसेगी..?
कैसे महिलाएं बिना
डर के बेझिझक होकर अपनी शिकायत दर्ज कराने थाने तक पहुंचने का साहस जुटा पाएंगी..?
हम बात करते हैं कि अबोध कन्याओं को तक
अपनी हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदों की विकृत मानसिकता की…ऐसे लोगों की सोच में
मानसिकता में बदलाव लाने की लेकिन जब केसी गोस्वामी जैसी मानसिकता के लोग पुलिस
विभाग में वो भी अधिकारी की कुर्सी पर बैठे होंगे तो कैसे महिलाओं के प्रति
अपराधों पर...विकृत मानसिकता से ग्रसित अपराधियों पर लगाम कस पाएगी..?
यूपी पुलिस के आला अधिकारी भले ही एएसपी गोस्वामी
के इस बयान पर माफी मांगते हुए एएसपी के स्पष्टीकरण मांके बाद एएसपी के खिलाफ कार्रवाई
करने की बात कर रहे हैं लेकिन क्या सिर्फ एक एएसपी के खिलाफ कार्रवाई से महिलाओं
के खिलाफ गोस्वामी जैसे दूसरे पुलिसवालों की सोच बदल पाएगी और आगे ऐसी कोई घटना
नहीं होगी..? (जरूर पढ़ें- क्या लड़की होना उसका कसूर था ?)
जाहिर है जब तक पुलिसवालों के रवैये में
सुधार नहीं आता न तो महिलाओं के खिलाफ अपराध रुकेंगे और न ही अपराधियों पर लगाम
कसेगी और उनके मन में पुलिस के प्रति भय पैदा होगा लेकिन पुलिस विभाग में गोस्वामी
जैसे पुलिस अधिकारियों के रहते ये संभव नहीं लगता..! हम तो बस बेहतरी
की उम्मीद ही कर सकते हैं लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ये उम्मीद कभी परवान चढ़ पाएगी..?
deepaktiwari555@gmail.com
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