दीमक और साँप
हमने पूछा-
दीमक या साँप
किसे चुनेंगे श्रीमान?
वो बोले-
जीने के लिए
ये कब हुए हैं अच्छे ?
विकल्प में लाइये
कुछ व्यक्तित्व सच्चे
क्योंकि, दीमक-
जहाँ रहे उसे ही चट करता है
मिलजुल के सह कुटुंब हजम करता है
आश्रयदाता के अस्तित्व को खत्म करता है
और, साँप-
अपनी बांबी में रहता है
गाहे बगाहे
कभी अपनों पर
कभी दुश्मनों पर फुंफकारता है
जाने अनजाने विष दंस मारता है
बिना विकल्प के
है इन दोनों से एक को चुनना
तो बस अपनी तो यह इच्छा है
साँप का प्रकोप ही दीमक से अच्छा है
क्योंकि
इतिहास का यह कहना है
साँप का काटा बहुत बार बचता है
मगर
दीमक का चाटा हर बार मरता है
No comments:
Post a Comment