मनु मनस्वी
पौड़ी। गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन को इसके कर्मचारियों ने ही सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझ लिया है। मृत कर्मचारियों को जीवित दिखाकर फर्जी हस्ताक्षर कर न केवल खातों से रकम निकाल ली गई, बल्कि कंपनी के पेट्रोल पंप बिलिंग, कंप्यूटर मरम्मत, फर्नीचर मेंटेनेंस, बिजली खर्च तक में घोटाला कउ डाली, जो कि लगभग ढाई करोड़ का है।
पुलिस ने इस मामले में महिला कर्मचारी और पूर्व अध्यक्ष समेत 9 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है और अभी कई और नाम सामने आ सकते हैं।
गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड में फर्जी कागज बनाकर करोड़ों का घोटाला करने के आरोप में कोटद्वार पुलिस ने कंपनी के पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पूर्व जनरल मैनेजर उषा सजवाण समेत 9 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सभी आरोपियों ने षड़यंत्र कर फर्जी बिल तैयार कर कंपनी को 2.50 करोड़ का चूना लगा डाला।
गौरतलब है कि मोटर मालिक कोटद्वार में लंबे समय से कंपनी के पूर्व अध्यक्ष समेत कई कर्मचारियों पर घोटाले के आरोप लगा रहे थे। इसके लिए मोटर मालिकों ने जीएमओयू बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया तथा कंपनी के आय-व्यय की जांच की, जिसमें ढाई करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कंपनी के पूर्व अध्यक्ष और जनरल मैनेजर के खिलाफ कोटद्वार थाने में तहरीर दी गई थी, जिस पर पुलिस ने बीती 18 जून को कंपनी के पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पूर्व जनरल मैनेजर उषा सजवाण, सहायक लेखाधिकारी मंजीत नेगी, अश्वनी रावत, कैशियर राकेश बुड़ाकोटी, लेखा लिपिक राकेश मोहन त्यागी, ट्रैफिक लिपिक वीरेंद्र खंतवाल, मुकेश चौधरी और रिकॉर्ड लिपिक अशोक कुमार के खिलाफ कई धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि जांच में फर्जी बिल और दस्तावेज बनाकर करोड़ों का घोटाला पाया गया है। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि आरोपियों ने कंपनी के पेट्रोल पंप बिलिंग, कंप्यूटर मरम्मत, फर्नीचर मेंटेनेंस, बिजली खर्च और मृत कर्मियों को जीवित दिखाकर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर कंपनी खातों से रकम निकाल ली। पकड़े गए सभी आरोपियों के बैंक खातों और प्रॉपर्टी की भी जांच की जाएगी।
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