चरण सिंह-
क्या पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन पर सीजफायर पाकिस्तान के अनुरोध पर करने की बात बोली है ? क्या ट्रंप से मोदी ने यह बोल दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी ने कोई मध्यस्थता नहीं की है ? यदि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से ऐसा कुछ बोल दिया है तो फिर ट्रंप इस मामले पर चुप क्यों नहीं हुए ? क्यों उन्होंने भारत पाकिस्तान का हवाला देकर इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर कराने की बात कही। भारत और पाकिस्तान के बीच चले युद्ध के सीजफायर के बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को क्यों बताया ? यदि पीएम मोदी और हमारी सरकार सच बोल रही है तो फिर पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप को झूठा करार क्यों नहीं देते ?
केंद्र सरकार को यह समझना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के उस सेना प्रमुख असीम मुनीर को लंच कराया है जिस पर खुद पाकिस्तान के लोगों ने पहलगाम आतंकी हमला कराने का आरोप लगाया था। केंद्र सरकार ने ऐसे समय पाकिस्तान के साथ सीजफायर क्यों किया जब पाकिस्तान की जनता मुनीर के खिलाफ बगावत पर उतारू थी। बीएलए अलग से मोर्चा ले था। उधर अफगानिस्तान भी तैयार बैठा था। भारत पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट था। पीएम मोदी आखिर देश को यह तो बताएं की आखिर सीजफायर की मज़बूरी क्या थी ? क्यों डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं ?
क्या डोनाल्ड ट्रंप जानबूझकर भारत को अपमानित नहीं कर रहे हैं ? क्या पाकिस्तान से युद्ध के समय पीएम मोदी की कूटनीति विफल साबित नहीं हुई है ? यदि ऐसा नहीं है तो डोनाल्ड ट्रंप क्यों कहते घूम रहे हैं कि सीजफायर उन्होंने ही कराया है। एक बार मान भी लिया जाए कि सीजफायर डोनाल्ड ट्रंप ने नहीं कराया है तो फिर पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खुलकर क्यों नहीं बोलते ? या फिर पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर फिर से हमला किया जाए और ट्रंप को सीधा चैलेंज दिया जाए अब सीजफायर करके दिखाएं।
ऑपरेशन सिंदूर सेना के पराक्रम को भुनाने में लगे पीएम मोदी देश को बताएं कि क्या हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकी मार गिराए गए हैं ? क्या पहलगाम हमले के आतंकी मार दिए हैं ? असीम मुनीर को क्या सजा दी गई जिस पर पहलगाम आतंकी हमला कराने की बात सामने आ रही है। मोदी को इस बात की भी सफाई देनी चाहिए कि उनके स्वघोषित मित्र डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत टकराव के बीच मुनीर को लंच कैसे करा दिया ?
कहना गलत न होगा कि यह युद्ध पाकिस्तान के लिए नुकसानदायक नहीं बल्कि फायदेमंद साबित हुआ है । पाकिस्तान को न तो आतंकी देश घोषित किया जा सका और न ही पहलगाम आतंकी हमले पर उसे घेरा जा सका। उलटे दुनिया में पाकिस्तान के पूछ और बढ़ गई। अमेरिका चीन के साथ ही रूस भी पाकिस्तान से कारोबार बढ़ा रहा है।
इसे भारत की विडंबना ही कहेंगे कि हमारे पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगा आये थे। 100 करोड़ का नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम करा दिया था पर ट्रंप हैं कि उन्हें पाकिस्तान से दोस्ती करना फायदेमंद साबित हो रहा है। पाकिस्तान ओर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की फजीहत हो रही है।
भले ही केंद्र सरकार ने सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दुनिया में भेजा हो पर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा न जा सका। यहां तक कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी जगह बना ली। 11 साल से मोदी दुनिया में घूम रहे हैं। स्वागत करा रहे हैं पुरस्कार ले रहे हैं पर पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर माहौल नहीं बना पाए।
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