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13.6.25

भास्कर ऑफिस से खींचकर पुलिस जिसे ले गई उसे कुलदीप व्यास ने बनाया संपादक

 बिहार झारखंड में इन दिनों चीजें ठीक नहीं चल रही हैं. चल रही है तो सिर्फ कुलदीप व्यास की मर्जी. आलम ये है कि अपने परम शिष्य को उन्होंने झारखंड में सम्पादक बना दिया है.

ऑन रिकॉर्ड है कि आज से करीब सात साल पहले संतोष सिंह को बोकारो ऑफिस से पुलिस खींचकर ले गई थी. कुलदीप जहां भी रहे, संतोष परछाई की तरह रहे. बोकारो कांड के बाद संतोष कुछ दिनों के लिए पत्रकारिता से अलग हो गए थे लेकिन कुलदीप व्यास ने दिल्ली कार्यकाल के दौरान संतोष की एंट्री करवा ली. 

बीच में कुलदीप व्यास को भास्कर ने मुख्यधारा से अलग कर रिकवरी के काम में लगाया था. संतोष वहाँ भी कुलदीप के साथ रहे. फिर अपने साथ इसे झारखंड ले आए. इसके बाद पटना लाए और फिर झारखंड में सम्पादक बना दिया.

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