क्या बात है....! हुज़ूर आप ही आप बोलते जाएंगे ।
स्वतन्त्रता मिली है हमको सिर्फ आपको मिली हों ...?
ऐसा नहीं है। सभी को हक है बोलने का , हम तो ठहरे लेखक लिख मारेंगे आपके बारे में ,और आप की haalat खराब हों जावेगी सो मालिक दायें बांयें देख के बोला करो। आपने शोले तो देखी ही होगी "सूरमा-भोपाली "वाली । कहीं आप कि गत वैसी ही न हों जाए । जब जय-वीरू सामने होगे ..... तो अब मेरी ज़रा सी बात सुन लीजिये ......
"आप देश के बारे में बहुत कुछ करना चाहतें हैं अथवा कर भी रहें हैं तो भी एक बात ज़रूर समझ लीजिये कि आप मुंह चलाने वालों से बड़ा देश सेवक भारत का मज़दूर, किसान, क्लर्क, मास्टर, प्यून,वगैरा हैं "
मुझे बस इतना कहना है.........
जय-भड़ास
2.12.07
भाई साहेब सुनिए मेरी भी
Posted by
Girish Billore Mukul
Labels: मेरी-बात
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