ब्लॉगिंग एक ऊर्जा है
जानते हैं सिर्फ ब्लॉगर
पहचानते हैं सिर्फ ब्लॉगर
ही नहीं, वे भी, जो
इसे पढ़ते भूलते भी हैं
करते छापते हैं टिप्पणी
और छानते निकालते भड़ास
बेहतर होने की बने शुरूआत
टिप्पणी ऐसी जोहिला दे
झकझोर दे अंतर्मन को
ब्लॉगिंग के दीवाने लोग
टूटी हुई बिखरी हुई के
मन विचारों से जुड़ते लोग
सीढ़ियों पर चढ़ते उतरते लोग.
बगीची, वाटिका, मोहल्ला,नोटपैड
नुक्कड़,चवन्नी चैप,उड़न तश्तरी
प्रेम ही सत्य है, बतलाते अजदक
से बतियाते, चौखट पर छा जाते
चक्रधर की चकल्लस से चकियाते
फुरसतिया, मसिजीवी और
पूंजी बाजार का हाल बताते
चोंच में आकाश ब्लॉगिंग पर छाते
धमाल मचाते,मिर्ची सेठ बन जाते
चिट्ठाचर्चा चलाते,टहलते फिरते
गुस्ताख, पर करते नहीं गुस्ताखी
प्रभात की परिकल्पना है उनकी
मुसाफिर के हृदय पटल से अब
पारुल…चाँद पुखराज का
मन पखेरू फ़िर उड़ चला
वाह मनी में स्मार्ट निवेश करके
सेहतनामा हंस हंस हंसगुल्ले खाने बढ़ा
तब पंगेबाज हुआ निर्मल आनंद
और नई इबारतें लिख दीन्हीं
एग्रीग्रेटर्स ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत
नारद, सर्वज्ञ,हिन्दी ब्लॉग्स ने
जिम्मेदारी संभाली अब सारी
एक नई पहचान जुटा डाली
जो बनी फूलों की मनभावन जाली
ज्ञानदत्त पांडेय की मानसिक हलचल
जयप्रकाश मानस की सृजन गाथा
ने सुधारी ब्लॉगिंग की सु-परिभाषा
हिंदीगाथा बनेगी शीघ्र ही अनंतगाथा
इस परिवर्तन को
हम सब सहेजें
ऊर्जा मंथन को।
30.12.07
ब्लॉगिंग एक ऊर्जा है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
kya baat hai....
badhaaiyaan koobool keejiye....!
आपके इस पोस्ट पर मेरी आज नज़र पडी , अच्छा लगा आपका काव्यमय विश्लेषण , बधाईयाँ!
Post a Comment