बीबीसी हिंदी डॉटकॉम से साभार
अमरीका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में कैपिटॉल हिल और व्हाइट हाउस के बीच स्थित द मॉल पर जमा लाखों लोगों की तालियों की गूंज के बीच अमरीका के 44वें राष्ट्रपति ने शपथ ली.
'आई बराक हुसैन ओबामा...' की आवाज़ आते ही इस ऐतिहासिक मौक़े के गवाह बनने पहुँचे लगभग 20 लाख लोगों में ख़ुशी की सिहरन-सी दौड़ गई, उनका महीनों का इंतज़ार पूरा हुआ, 20 जनवरी 2008 का दिन इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया, पहला अफ्रीकी-अमरीकी देश के शीर्ष पद पर पहुँच गया.
कड़ाके की ठंड में नीला सूट और लाल टाई पहने ओबामा के कोट पर अमरीका का छोटा सा झंडा चमक रहा था, उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने पीले रंग का सूट पहन रखा था.
ओबामा के अठारह मिनट के भाषण में कई बार तालियाँ बजीं और कैमरे कई ऐसे लोगों का क्लोज़ अप दिखाते रहे जिनकी आँखों में ख़ुशी के आंसू थे.
ओबामा ने अपने भाषण की शुरूआत निवर्तमान राष्ट्रपति बुश को धन्यवाद देने के शिष्टाचार से की और उनकी सेवाओं के लिए उनका आभार प्रकट किया.
उन्होंने कहा, "अमरीका दुनिया का महान लोकतंत्र है, आज पूरी दुनिया की नज़र हम पर है, अमरीका आज जो है वह अपने नेताओं की बुद्धिमत्ता की वजह से ही नहीं, बल्कि अमरीका की जनता की वजह से है."
अमरीकी संविधान के चर्चित हिस्से 'परस्यूट ऑफ़ हैप्पीनेस' से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने कहा, "सभी लोग स्वतंत्र हैं, सभी समान हैं और सबको अपने हिस्से की ख़ुशियाँ तलाश करने के लिए अवसर मिलने चाहिए."
आर्थिक मंदी
दुनिया भर की आर्थिक मंदी किस क़दर अमरीकी राष्ट्रपति के दिमाग़ पर भी हावी है इसका पता चलने में देरी नहीं लगी, उन्होंने अपने भाषण के दूसरे ही मिनट में मंदी की समस्याओं पर बोलना शुरू कर दिया.
आठ साल के अंतराल पर आए डेमोक्रेट राष्ट्रपति ने कहा कि "पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के बारे में बहस का यह न तो समय है, न ही गुंजाइश. लेकिन मौजूदा संकट से हमने सीखा है कि अगर बाज़ार पर निगरानी न रखी जाए तो वह बेकाबू हो सकता है."
ओबामा ने कहा, "चुनौतियाँ बहुत सारी हैं, बहुत गंभीर हैं, इससे न तो जल्दी निबटा जा सकता है, न ही आसानी से लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हम कामयाब होंगे क्योंकि मुझे अमरीका की जनता पर पूरा भरोसा है, पूरे देश में सबके साझा हित की बात सब समझेंगे और सही दिशा में काम करेंगे."
उन्होंने अमरीकी नागरिकों से कहा कि वे "धूल झाड़कर नया अमरीका बनाने में जुट जाएँ".
अमरीका के नए राष्ट्रपति ने अपनी जनता से वादा किया, "हम रोज़गार के नए अवसर पैदा करेंगे, सड़कें बनाएँगे, पुल बनाएँगे, फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाएँगे, सौर और पवन ऊर्जा की मदद से देश को आगे बढ़ाएँगे, अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटियों को बेहतर बनाएँगे, हम ये सब कर सकते हैं और हम करेंगे."
आतंकवाद
ओबामा ने अपने भाषण में अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ का सिर्फ़ एक पंक्ति में ज़िक्र किया लेकिन उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया की शानदार राजधानियों से लेकर ग़रीब दुनिया के छोटे शहरों तक, वहाँ भी जहाँ से मेरे पिता आए थे, अमरीका हर उस देश का दोस्त है जो शांति चाहता है."
आतंकवाद की चुनौती के बारे में ओबामा ने कहा, "हम अपनी जीवनशैली को नहीं बदलने वाले और जो हमारी लोकतांत्रिक जीवन शैली को चुनौती देते हैं उन्हें हम बताना चाहते हैं कि वे अमरीका की जनता की स्वतंत्रता, एकता और शांति की इच्छा को पराजित नहीं कर सकते."
अमरीका के बहुसांस्कृतिक स्वरूप पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, "अमरीका ईसाइयों, मुसलमानों, यहूदियों, हिंदुओं और नास्तिकों का भी देश है, इसे सबने मिलकर बनाया है, इसमें सबका योगदान है, अमरीका की नीतियों को हम हठधर्मी विचारों का गुलाम नहीं बनने देंगे."
अमरीका के 44वें राष्ट्रपति ने दुनिया के मुस्लिम बहुल देशों के नेताओं को अपना साझीदार बताया और कहा कि वे उनके साथ मिलकर काम करेंगे.
उन्होंने कहा, "हम ग़रीब देशों से कहना चाहते हैं कि हम उनके साथ हैं, हम उनकी तकलीफ़ के प्रति उदासीन नहीं हैं, हम चाहते हैं कि दुनिया के हर सुदूर कोने में लोगों तक खाना और पानी पहुँच सके."
अमरीकी राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के बाद सांसदों के साथ दोपहर का भोजन करने कैपिटॉल हॉल रवाना होंगे और मंगलवार की रात से वे व्हाइट हाउस में रहना शुरू करेंगे.
21.1.09
'नया अमरीका बनाने में जुट जाएँ'
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