बिहार में आज कल हड़ताल चल रहा है। खासकर तीसरे दर्जे के कर्मचारी द्वारा। सरकार उनकी मांग मन्ने के लिए तैयार नहीं है और हड़ताली भी वापस काम पर लौट नहीं रहे। इन सबों के बीच एक प्रकार के और हड़ताली कर्मचारी हैं jinka मासिक वेतन सिर्फ़ दो हज़ार रुपया है। इनकी बहाली ठेका पर है। सिर्फ़ दो साल के लिए। ये हैं रोजगार सेवक जिनका काम नरेगा को पंचायत अस्त्र पर सफल बनाना है। नरेगा में मजदूरों को तो दैनिक मवासी रुपया है किंतु इन रोजगार sevkon को सिर्फ़ 66 रुपया रोज के hisab से मिलता है। दो साल purne को है और सरकार इन्हें hata देगी इसकी chinta में ये लोग हड़ताल पर हैं। pariksha लेकर इनकी बहाली की गई । इनके gharwalon ने सोचा की चलो बेटा को नौकरी लग गई । जैसा की बिहार में चलन है की बेटा bikta है ......... सरकारी नौकरी में बेटा गया तो मोल jol शुरू हो jata है। अब जब इनकी नौकरी khatm होने वाली है तो इन mansuba paale pitaon को कुछ sujh नहीं रहा। सरकार क्या जाने की एक नौकरी कितने baapon को ऊँचा arman देती है ।
bhadasi भाइयों aaphi लोग bataen की इस mandi के दौर में सरकार द्वारा इनको hatana jayaj है । दो हज़ार रुपया में सरकार berojgari kaa फायदा नहीं उठा रही........ ऐसे में यदि ये bhrast बनते हैं तो क्या ग़लत है । क्यों नहीं ये नरेगा को लूट लें ..... jab नरेगा कर्मी ही लूट रहा है तो वो कैसे इसे सफल karne के बारे में सोचे ......
25.1.09
बेबस कर्मी
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