७३ वर्ष के प्रख्यात पत्रकार आदरनीय प्रभाष जी की मैच देखते हुए हृदय का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। वे हिन्दी पत्रकारिता में पांच दशक से भी ज्यादा समय सक्रिय थे। प्रभाष जी के निधन से हिन्दी पत्रकारिता ने अपना सबसे बड़ा जुनूनी हिमायती खो दिया है। उनकी मौत के बाद पत्रकारिता में जो शून्य पैदा हुआ है उसकी सहज ही भरपाई हो पाना कठिन है। कई वर्षों की मेहनत तथा अथक परिश्रम से उन्होंने जो ख्याति अर्जित की वो शब्दों की मोहताज नही। पत्रकारिता जगत के ऐसे महापुरुष के पर ग्वालियर के पत्रकार शोक संवेदना व्यक्त करते हैं।
ग्वालियर से पत्रकार धर्मेन्द्र तोमर तथा पत्रकार रविशेखर
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