नेता जी की नीयत
हम नेताओं को जब सत्ता मिल जाती है,
न जाने क्यूं !हमारी नीयत डोल जाती है,
घोटाले खुल जाएँ जनता चाहती है,
पर सी बी आई तो हमारे घर झाड़ू लगाती है.
शिखा कौशिक
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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2 comments:
सार्थक प्रस्तुति..
राजनीति तो ऐयाशी का महज़ बिछौना लगता है, सिंघाशन के आगे भारत सबको बौना लगता है।
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