अब गाना बदलो , बहुत हो गया भ्रष्टाचार का , हिंदू का, गाना , प्यासे को पानी का गाना शुरू करो
बाईस करोड़ लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं.
हिंदुस्तानिओं को पेट भर पानी तो पिलवा दो , ब्लोगी भाइओ
आपका बहुत उपकार होगा !
ऐसे में क्या भ्रष्टाचार की बातें करते हो ,
संसद में क्या करते हो
सुप्रीम कोर्ट क्या मुक़दमे लड़ती है
हम क्या कविताएँ , ब्लॉग लिखते हैं .
बंद करो , ये सब विषय ,
अरे खा लेने दो, दो चार लाख करोड़ ,
मना लेने दो सांसदों को मौज ,
जीत जाये पकिस्तान ,
हिंदुस्तानिओं को पेट भर पानी तो दिलवा दो , ब्लोगी भाइओ
भारत में पेयजल का अधिकार
परिचय
संवैधानिक जनादेश और सरकारी घोषणाओं के बावजूद भारत lagged है
पीछे, दूसरों के बीच में, दो सबसे महत्वपूर्ण चिंताओं में किया जा रहा है के लिए अच्छी तरह से
(आय) गरीबी और पीने के साफ उपयोग: किसी भी समाज में लोगों की
जल और स्वच्छता. लाखों भारतीयों की, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों,
से रहित गंभीर गरीबी की शर्तों में रह रहे हैं (बल्कि रहने को मजबूर)
किसी भी सार्थक रहने की स्थिति. के बारे में 226 मिलियन लोगों के लिएउपयोग की कमी
सुरक्षित पानी और लगभग 70 प्रतिशत आबादी कमी (640 करोड़)
बुनियादी स्वच्छता सुविधाओं. के बारे में 46 प्रति भारत के लोगों के प्रतिशतमें रह रहे हैं
निरपेक्ष गरीबी (कम से कम एक अमेरिकी डॉलर के एक दिन यानी), जबकि88 का प्रतिशत
उम्र 15-49 समूह में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित हैं. के बारे में 62
पांच साल की उम्र के तहत दस लाख बच्चे कुपोषण के शिकार और एक तिहाई हैं
16 से कम उम्र के बच्चों को बाल श्रम (हक, 1997) के लिए मजबूर कर रहे हैं.waterrelated
रोगों के बारे में 1.5 मिलियन बच्चों के जीवन का दावा कर रहे हैं (500000
अकेले डायरिया के कारण 5 साल और व्यक्ति दिन के तहत बच्चों) में खो
भारत के 180-200 लाख के बारे में एक साल (कृष्णकुमार, 2003 होने का अनुमान;
पारिख एट अल, 1999).
और ये हैं सरकारी दावे :
1 अप्रैल 2005, तक 96.13 प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों पूरी तरह और 3.55 प्रतिशत को आंशिक तौर पर पेयजल सुविधा मिल रही थी
क्या आप इससे सहमत हैं !
in english
Right to Drinking Water in India
Introduction
Despite constitutional mandates and official proclamations,India has lagged
behind, among others, in the two most important concerns for the well being
of people in any society: (income)poverty and access to clean drinking
water and sanitation. Millions of Indians, especially women and children,
are living (rather forced to live) in conditions of severe poverty devoid of
any meaningful living conditions. About 226 million people lack access to
safe water and about 70 per cent of population (about 640 million) lack
basic sanitation facilities. About 46 per cent of India 's people are living in
absolute poverty (i.e. less than one US dollar a day) while 88 percent of
pregnant women in the age group 15-49 suffer from anemia. About 62
million children under the age of five are malnourished and one-third of
children below 16 are forced into child labour (Haq, 1997). The waterrelated
diseases are claiming the lives of about 1.5 million children (500,000
children due to diarrhoea alone) under 5 years and person-days lost in
क् जब आप शहरों में जब हम फ्रिज का पानी पी रहे हों .
शेव, ब्रुश के वक्त नल चला रखा हो , तो
उन लोगों को भी याद कर लेना जिनके पास पिने का पानी भी नहीं है .
जब आप किसी विषय पर कोई सुन्दर सी कविता या महान विषय पर ब्लॉग लिख रहें हों. तब कभी कभी एक लेख पानी की मांग पर भी लिख देना , प्रिय भाइयो
पर इनके बारे में तो तब सोचें, जब सरकार व जनता इन्हें भारतीय नागरिक मानती हो ,
2 comments:
हरीश सिंह said...
अशोक जी, आप हमारे बुजुर्ग हैं, हम आपके अनुभवों से सीख लेना चाहेंगे. महत्वपूर्ण ब्लॉग नहीं होता बल्कि उसकी पठनीय सामग्री होती है. और वह आपके ब्लॉग में होती है. आप द्वारा उठाया गया हार मुद्दा प्रशंसनीय होता है.
JULY 17, 2011 9:11 AM
रविकर said...
आभार आपका ||
nice post
thanks |
visit my son's blog
http://kushkikritiyan.blogspot.com/
JULY 17, 2011 10:51 PM
sks_the_warrior said...
nice post ..thanx for share
JULY 18, 2011 12:04 AM
Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...
बचाने वाला है भगवान …
Certainly The god is busy in working for us .
nice post .
Thanks to both of you & your naphew Raju Gupta .
आपके महत्वपूर्ण विचार अधिकाधिक लोगों तक पहुंचे , इसलिए आपसे हिंदी में लिखने के लिए निवेदन है ।
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
JULY 18, 2011 3:43 AM
शिखा कौशिक said...
nice post .
JULY 18, 2011 9:05 AM
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