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28.11.08

Impact: ..कहां है वे हिजड़े नेता

Impact: ..कहां है वे हिजड़े नेता
..कहां है वे हिजड़े नेता, जिन्होंने केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के बावजूद कुछ ही समय पूर्व सिमी को निर्दोष बताया था। देश में इस समय एक भीषण आतंकी हमला हुआ है, और वे शिखंडी (नेता) इस वक्त किसी को ढाढ़स बंधाने के लिए भी आगे नहीं आए। शर्म करो अमर सिंह, लालू, पासवान, राज ठाकरे, अबू आजमी और महा बेशर्म गृहमंत्री समेत केंद्र सरकार भी। खैर जब ये बेशर्म ही हैं तो इनके बारे में क्या कहना। सरकारी लापरवाही से देश की आर्थिक राजधानी पर हुए इस बड़े आतंकी हमले में हम मुंबई के जज्बे को सलाम करते है। साथ ही देश के घटिया राजनेताओं की गंदी राजनीति की भेंट चढ़े उन तमाम लोगों, एटीएस के अधिकारियों और कमांडो जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है, इस उम्मीद के साथ शायद उन हिजड़े राजनेताओं को अब सद्बुद्धि आ जाए जो आतंकवादियों में भी वोट बैंक तलाशते रहते है।

3 comments:

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

..कहां है वे हिजड़े नेता, जिन्होंने केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के बावजूद कुछ ही समय पूर्व सिमी को निर्दोष बताया था। देश में इस समय एक भीषण आतंकी हमला हुआ है, और वे शिखंडी (नेता) इस वक्त किसी को ढाढ़स बंधाने के लिए भी आगे नहीं आए। शर्म करो अमर सिंह, लालू, पासवान, राज ठाकरे, अबू आजमी और महा बेशर्म गृहमंत्री समेत केंद्र सरकार भी। खैर जब ये बेशर्म ही हैं तो इनके बारे में क्या कहना। सरकारी लापरवाही से देश की आर्थिक राजधानी पर हुए इस बड़े आतंकी हमले में हम मुंबई के जज्बे को सलाम करते है। साथ ही देश के घटिया राजनेताओं की गंदी राजनीति की भेंट चढ़े उन तमाम लोगों, एटीएस के अधिकारियों और कमांडो जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है, इस उम्मीद के साथ शायद उन हिजड़े राजनेताओं को अब सद्बुद्धि आ जाए जो आतंकवादियों में भी वोट बैंक तलाशते रहते है।
क्षमा करियेगा, आपकी पोस्ट ही टिप्पणी पर लगा दी यही विचार हमारे हैं.................

Anonymous said...

vi hijde neta fir se chunav jeetney ka sapna dekh rahe hain. Hum jaisi chutiya janta ke bharose. Jo sali na to palat kar in netaon ko jawab deti hai aur na hi aatanvadiyon ko.

Anonymous said...

आतंकवाद, जेहाद, हिंसा, वैमनष्यता और सबसे ऊपर इनपर राजनीति ये ही तो हमारे देश का स्वभाव बन गया है मगर चंदन भाई, मीडिया को क्योँ छोर दिया जिसके बारे में मुझे अभी लिखना है,
सेना से भी सजग और तत्पर भरी पत्रकारिता मगर परस्पर विरोधी,
पत्रकार कम से कम नेता को गाली ना दें क्यौंकी ये लोग इनके चढही के मित्र हैं.
संग हलवाई के दूकान पर जाने वाले.
जय जय भड़ास