स्कूली बच्चों को पोर्न, ड्रग्स, शराब का चस्का
बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से वक्त से पहले ही बड़े होने लगे हैं, इसे पश्चिमी सभ्यता का असर कहें या फिर तथाकथित आधुनिकता की दौड़, दिल्ली के कई टॉप स्कूलों के बच्चे, लड़के हो या लड़कियां पोर्न (अश्लील) फिल्में देखने, ड्रग्स लेने और शराब पीने के मामले में बिल्कुल नहीं झिझकते हैं।लड़कियों से आगे लड़केएक निजी हैल्थकेयर कंपनी के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख द्वारा किए एक सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पोर्न साइट देखने और उसे लेकर स्कूल में बातचीत करने के संबंध में 26 फीसदी लड़के मॉड्रेट जबकि 21 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हुए।करीब 24 फीसदी लड़कियां मॉड्रेट जबकि 5 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हरुई। यह सर्वे दिल्ली के टॉप स्कूलों के एक हजार बच्चों (541 लड़के और 429 लड़कियों) पर किया गया। सर्वे में ज्यादातर लड़के-लड़कियों ने उन वेब साइट्स को विजिट करने की बात भी कबूली जो उनकी उम्र के लिए बनी ही नहीं थीं।शराब पीना खुलकर कबूलाइन बच्चों के बीच कभी कभार स्कूल में होने वाली पार्टियों में ड्रग्स का सेवन भी होता रहा है। करीब 36 फीसदी बच्चों ने पार्टियों में ड्रग्स लेने की बात कही। इनमें 23 फीसदी लड़के और 13 फीसदी लड़कियां शामिल थीं। शराब पीने के मामले में 22 फीसदी लड़के माड्रेट जबकि 16 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हुए। करीब 60 फीसदी बच्चों ने शराब का सेवन करने की बात खुलकर कही। सर्वे में शामिल 13 से 17 वर्ष आयु वर्ग के ये बच्चे स्कूली परिसर में ही धूम्रपान करने में भी पीछे नहीं थे।
sanjay sen sagar
1 comment:
sach kaha aapne yah sab humhe khoob dekhne ko mil raha hai
jo shayd bahut bura hai
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