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8.11.09

ये कैसी यूनिवर्सिटी ?

हाँ कुछ ऐसा ही कहना चाहता हूँ आपका दोस्त में अनुज शर्मा "Pndit" (जर्नलिस्ट)

दरसल में बात कर रहा हूँ डॉ। भीम राव आंबेडकर विश्वविध्यालय {आगरा } के बारे में जहाँ शुक्रवर को बहा बेकसूर स्टूडेंट्स का खून जिनमे शामिल थी लड़कियां भी। यूनिवर्सिटी के बेकाबू कर्मचारियों ने मानवीयता के हर हद को तोड़ कर स्टुडेंटस को यूनिवर्सिटी कैम्पस में दोडा- दोडा कर लाठी डंडो से जम कर पीटाऔर ये मर पिट जब तक जरी रही जब तक की स्टूडेंट्स बेहोश हो कर न गिर पड़े और खून से लथपथ न हो गए।
यहाँ गौर तलब हे की कर्मचारियों ने गर्ल्स स्टूडेंट्स के साथ हर हद को पर कर अभद्रता की तथा उन्हें भी नही बक्स्खा गया तथा वहां मोजूद पोलिशकर्मी और विश्वविध्यालय प्रशासन के आला अधिकारी सिर्फ़ मूक दर्शक बने देखते रहे।
और स्टूडेंट्स पिटते रहे जो सिर्फ़ अपने जायज प्रोब्लमस को लेकर विश्वविध्यालय आये थे और उन्हें वहां मिले तो डंडो के साथ लात - घुन्शे के साथ अभद्रता। और जब स्टूडेंट्स पिट रहे तो वहां विश्वविध्यालय के उप कुलसचिव बाल जी यादव जी चुप खडे संवेदनाओ का नंगा नाच देख रहे थे क्यूँ कि उन्हें तो इस सबमे बड़ा मजा आ रहा था , शायद इस बर्बरता पूर्ण घटना को देख कर आगे से कोई भी स्टुडेंट अपने समस्याओ को लेकर आगरा विश्वविध्यालय का रुख ना करे ।
अब आप जरा सोचे कि क्या शिक्षा कि मंदिर में ये जो सब कुछ हुआ क्या वाही हिंदुस्तान कि शिक्षा पद्धिति का असली रूप है जहाँ छात्रों के साथ ऐसा अमनवीय बर्ताब होता है....
और इस घटना पर में आप से इस लिए राय मंघ रहाहूँ क्यूंकि इस घटना के वक्त में वहां मोजूद था और शनिवार को मैंने इस पर जम कर लिखा तथा इसमे मेरे आगरा के पत्रकार साथियों ने बाखूबी साथ दिया और उन्होंने भी इस घटना कि जम कर निंदा करते हुए हर एक दोषी को कलम और कैमरे से नंगा कर दिया।
में तो इस घटना कि फोयो भी जोड़ना चाह रहा था मगर ये शायद ठीक नही होता क्यूंकि उन्हें देख कर हर कोई उधेलित हो जाएगा

अगर आप कुछ कहना चाहते है तो क्रप्या मुझे मेल करे मेरी E-mail id hai "anujprincek@yahoomail.com/anujprincek@gmail.com"

1 comment:

काशिफ़ आरिफ़ said...

आपने सही कहा है..!!! हमारे आगरा में हमेशा से यही होता आया है कोई नयी बात नही है