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5.10.10

प्रदेश में हिमनद प्राधिकरण का होगा गठन

मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण फै सले
प्रदेश में हिमनद प्राधिकरण का होगा गठन
राजेन्द्र जोशी
देहरादून । उत्तराखण्ड राज्य मंत्रिमंडल के प्रदेश के विभिन्न विभागों के कार्मिकों को पदोन्नति एवं रिक्त पदों को भरने का तोहफा दिया है। सरकार ने प्राकृतिक शिक्षा एवं योग को भी स्कूली शिक्षा से ही प्रारम्भ करने का निर्णय लेने के साथ ही नदियों में जलस्तर कम न हो इसके अध्ययन के लिये हिमनद प्राधिकरण बनाने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में सचिवालय परिसर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव आलोक जैन, राजीव गुप्ता, सचिव उत्पल कुमार एवं राजीव चंद्रा ने बताया कि विभिन्न विभागों में 18 हजार पद रिक्त हैं। अहर्ता पूरी न कर पाने के कारण पदोन्नति कार्मिकों की नियुक्ति भी नही हो पाती। सभी विभागों के लिये कार्मिक विभाग ने नई नियमावली बनाई है। अभी तक अर्हता के प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। अब अर्हता की आधी अवधि पूरी होने के बाद विभाग स्वयं प्रस्ताव तैयार कर सकेंगे। राज्य में विकलांगजनों के लिये भी तीन प्रतिशत आरक्षण लागू है किन्तु अलग-अलग रूप में विकलांगों की तैनाती में दिक्कत आ रही थी। अब विकलांग जन एक दूसरे के लिये प्रतिस्थापनी बन सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की पालिकाओं के खाली पड़े पदों को भी भरने का निर्णय लिया है। पालिकाओं में अवर अभियंता, लेखाकार व खाद्य निरीक्षक के 143 में से 106 पद लम्बे समय से खाली हैं। अब आडट सोर्स से अवर अभियंता के आठ, लेखाकार के 28 व खाद्य निरीक्षक के 70 पदों को भरा जायेगा। आयुष विभाग के अंतर्गत विभागीय पद भरने के लिये भी सेवा नियमावली प्रदयापित की गयी है, जिससे भारत सरकार से मान्यता मिल सके। बल्ड रोस्टिंग वेब में 4 वैज्ञानिकों को रखने के साथ अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी न मिलने के कारण रीडर के तीन व लेक्चरर के नौ पदों को सामान्य से भरने का निर्णय भी लिया गया। होम्योपैथी के 31 व 24 आयुर्वेद चिकित्सकों की संविदा अवधि एक वर्ष और बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने राज्य में शिक्षा के अंदर प्राकृतिक शिक्षा व योग को व्यापक पैमाने पर लागू करने का निर्णय लिया। इसके लिये बनी समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए अगले सत्र से ही बेसिक व माध्यमिक कक्षाओं में प्राकृतिक शिक्षा व योग की व्यवहारिक शिक्षा दी जायेगी। शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम लागू होगा, तो आयुष विभाग इसमें सहयोग करेगा।
मंत्रिपरिषद ने वित्त अधिकारी नियत सेवा अवधि में शिथिलीकरण का अधिकार शासन में निहित कर दिया है। अब तीन वर्ष की सेवा अवधि के बाद विशेष वेतनमान व 25 वर्ष की सेवा के बाद अतिकाल वेतनमान दिया जायेगा। सर्किल रेट के संबंध् में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हर दो वर्ष में जिलाधिकारियों को कारण भी बताना होगा कि 50 प्रतिशत से अधिक व बराबर रहने या कम होने पर जिलाधिकारी कारण बतायेंगे। सरकार को भी स्व प्रेरणा या आवेदन करने पर संशोधन की कार्यवाही का अधिकार होगा।
देश में पहली बार ग्लेशियरों की सिकुड़ती स्थिति व नदियों में पानी की कमी पर हिमनद प्राधिकरण की स्थापना की गयी है। अभी तक इनके कारणों के कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री की अध्यक्षता में गठित प्राधिकरण में मुख्य सचिव सहित देश के प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थानों के निदेशक सहित 21 व्यक्ति होंगे। प्राधिकरण वर्ष में कम से कम तीन बैठकें करेगा। विश्व प्रसिद्ध तीन एनजीओ में से एक को आमंत्रित करने का अधिकार प्रमुख सचिव व सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को होगा। उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र कार्यदायी संस्था के रूप में कार्य करेगा। एक महत्वपूर्ण निर्णय में नैनीताल स्थित ओक पार्क हाउस को कुमाऊं मण्डल विकास निगम को देने का फैसला लिया गया। राज्य सम्पत्ति विभाग ने एक हजार वर्ग मीटर के भूखण्ड व उस पर हुए निर्माण का आंकलन 99 लाख रूपये लगाया था जो के.एम.वी.एन राज्य सम्पत्ति विभाग को किस्तों में अदा करेगी।




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1 comment:

Sunita Sharma Khatri said...

यह बहुत ही महत्वपुर्ण व हमारी नदियों के लिए भी हितकर रहेगा यदि हितनद प्राधिकरण गठित होने के बाद इसमें सम्मिलित व्यक्ति अपनी पूरी ईमानदारी से कार्य भी करे । जोशी जी आपकी इस रिर्पोट पोस्ट को गंगा के करीब ब्लाग में लिंक पोस्ट किया है।
http://sunitakhatri.blogspot.com