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1.4.08

विकास परिहार जी , आपने जबलपुर जैसे शहर मे खुल रहे संस्थानों को लेकर मध्यप्रदेश के मीडिया कॉलेजों का जो सामान्यीकृत किया है उसमे आप सही हो सकते हैं यह भी सही है की देश में पत्रकारों की फौज तैयार करने के लिए जो बीज डाले जा रहे हैं उनकी फसल भी ठीक नही होगी पर आपकी जानकारी के लिए बताना चाहता हूँ की भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विभाग में कम संसाधनों के बावजूद पत्रकारिता की उत्कृष्ट पढाई होती है प्लेसमेंट भी लगभग सभी विद्याथियों का होता है। अभी भी आप जाकर देखें सुबह आठ से रात आठ तक बच्चे पढ़ते मिलेंगे कॉलेज शिक्षको के अलावा लगातार मीडिया से जुड़े लोग पढाते हैं फ़िर भी छात्र और शिक्षक अपना गुणगान नही करते एक और सिधांत यह लागू होता है प्रवेश के समय अव्वल छात्रों के अलावा कमजोरों के चयन में तरजीह दी जाती है ताकि कोर्स के दौरान उन्हें भी तैयार किया जा सके.कभी जाके जरूर देखिये

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

देवेन्द्र जी,परिहार साहब ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की बात नही करी थी,उन पर उंगली उठाना तो सूरज को दिया दिखाना जैसा है...