करुनाकर की स्टोरी को पढ़कर सैकडों लोग उससे जुड़ गए हैं। डॉक्टर रुपेश ने करुनाकर के आयुर्वेदिक इलाज़ का ज़िम्मा उठाया है। जिसके लिए करुनाकर जल्द ही मुंबई रवाना होने वाला है। भड़ास ब्लॉग पर करुनाकर की स्टोरी देखकर कई प्रिंट मीडिया के लोग करुनाकर के गांव जीजीराम पुर पहुँच गए हैं। ग्रामीण इलाका होने के कारन आजकल बरसात से हर तरफ़ कीचड हो रहा है। जिसके चलते रिपोर्टर वहां तक करीबन १० किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। वहां जाकर सबसे पहले ने करुनाकर के परिवार को ढाढस बंधाया। रिपोर्टर विनोद तिवारी ने वहां से सारी जानकारी लेकर मुझे बताया की किस तरह से एक निर्दोध व्यक्ति एक बुजुर्ग की सेवा करने का फल जेल में रहकर पा रहा है। विनोद तिवारी के अनुसार वसीयत का बैनामा पक्का होता है तो पुलिस ने खुश्की के आधार पर उन्हें ४२० कैसे ठहरवा दिया। इसका मतलब कोर्ट को ज़रूर कहीं ना कहीं से दिग्भ्रमित किया गया है। क्यूंकि जिस बन्दे ने उन पर ये आरोप लगाया है ४२० के केश में उसे अंदर होना चाहिए। लोगों के इस सहयोग sऐ ये उम्मीद बंध गयी है की अब करुनाकर के पित्ता की ज़मानत ज़ल्द हो जायेगी। फिलहाल करुनाकर को भी उम्मीद बाँध गयी है की उसे डॉक्टर रुपेश अच्छा कर देंगे। एक नौजवान के लिए मुझे नही लगता की इससे बढ़कर कुछ और हो सकता है। जो रिपोर्टर करुनाकर के गांव तक गए वो करुनाकर की असली स्थिति का जायजा ले चुके हैं। यशवंत जी जल्द ही एक पोस्ट करेंगे जिसमे हम करुनाकर के आर्थिक मदद के लिए धन कहा जामा करें इसका उल्लेख होगा। वैसे यशवंत जी चाहते हैं की वहां पर करुनाकर को अकाउंट पोस्ट कर दिया जाए जिसमे लोग अपने अनुसार मदद की रकम उसमे डालते रहें। आज सुबह करुनाकर अपनी फरीदाबाद किसी जानने वाले के यहाँ गया हुआ है। और वहां उसका मोबाइल काम नही कर रहा जिस वजह से उसकी मुम्बयी जाने वाली बात कन्वे नही हो पाई है। आगे जो भी प्रोग्रेस होगी उसकी रिपोर्ट हम आपको देंगे।
अमित द्विवेदी
30.6.08
करुनाकर की मदद को उठे सैकड़ों हाथ
Labels: करुनाकर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
अमित भाई करूणाकर के विषय में जो भी निर्णय ले कृपया जल्दी जल्दी उन पर काम शुरू कर दे ।
शशिकान्त अवस्थी
कानपुर ।
अमित भाई,मैंने करुणाकर से कई बार बात करके काई हद तक निदान कर लिया है बस प्रत्यक्ष देखना है फिर उपचार प्रारंभ करने में कोई विलंब नहीं करना है बस सब मिल कर ईश्वर से प्रार्थना करिये कि बच्चा इस उपचार से शीघ्रता से स्वस्थ हो जाए और फिर दोबारा बीमार न पड़े? इसी बीमारी से वह एक बार २००४ में भी पीड़ित हो चुका है। आप लोगों का इंतजार कर रहा हूं.....
Post a Comment