छत्तीसगढ़ की उम्र आठ साल हो चुकी है...यूं तो ये बड़ा वक्त नहीं, जो किसी से इतनी अपेक्षायें पाल ली जाएं कि आलोचनाओं के तीर पर तीर छोड़े जाने लगें। हाँ लेकिन ऐंसा भी नहीं कि ये कोई कम समय है...दरअसल इस राज्य की विडंबना कहिए या नेताओं का निकम्मापन....कुछ भी कहें आज इसने जो पाया है वह अपने अकेले दम पर मध्यप्रदेश के ज़माने में तो जैसे ये सिर्फ भारी भरकम टेक्स देने वाली ज़मीन भर था.....राज्य विखंडन के बाद नई स्फूर्ती के साथ स्टेट ने अपनी हाज़िरी दर्ज़ कराई...मीडिया भी इस राज्य को पिछड़ा समझता था मगर ये बात अब बीते वक्त की हो चुकी है....सदियों से मुंह चिढ़ाते भोपाल को आज इस राज्य ने पीछे छोड़ दिया है....भोपाल से जहाँ एक भी समाचार चैनल अपना प्रसारण नहीं करता वहाँ रायपुर से एक सेटेलाइट समेत क़रीब दो चैनल्स का प्रसारण होता है.........मीडिया ने इस राज्य पर नज़रे इनायत नहीं की है...ना ही कोई अहसान ही कर रहा है...अगर ऐंसा था तो पहले भी ये सब किया जा सकता था......कुल मिला कर मीडिया अपना स्वार्थ लेकर इस राज्य में घुसपैठ कर रहा है,राज्य प्रगति की नई कहानी लिख रहा है....इसी का एक उदाहरण है यहाँ से दो चैनल्स का प्रसारण और आने वाले वक्त में मध्यभारत का मीडिया हब बनने की ओर अग्रसर होना.....चाहे वह स्टार के रीजनल बकेट्स की बात हो या आजतक के क्षेत्रीय चैनल की सभी के प्रसारण केंद्र रायपुर में बनने की संभवनाएं हैं....कोई कहे ना कहे मगर यह सत्यता है कि इस रीजनल मीडिया क्रांती को रायपुर से शुरू करने और नये मीडिया युग के सूत्रपात के आग़ाज़ पीछे ज़ी24घंटे,छत्तीसगढ़ की बड़ी भारी भूमिका है। जिसके लिए ज़ी परिवार को साधूवाद.........
14.1.09
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
छत्तीसगढ़ अब भले ही एक उगता सूरज हो लेकिन जब ये बना था तब हमने बहुत कुछ खो दिया था !!
कुछ बच्चों की माँ और न जाने क्या क्या!!
छत्तीसगढ़ अब भले ही एक उगता सूरज हो लेकिन जब ये बना था तब हमने बहुत कुछ खो दिया था !!
कुछ बच्चों की माँ और न जाने क्या क्या!!
Post a Comment