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18.3.09

परिपक्व कौन?पाकिस्तानी या हिन्दुस्तानी

आशंकाओं के बिल्कुल उलट पाकिस्तान में सब कुछ ऐसे शांत हो गया जैसे कहीं कुछ अशांत था ही नहीं। मीडिया पाक में पता नहीं क्या क्या होने की आशंका,संभावना जाता रहा था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वहां के सैनिक अफसर,राजनेता,सरकार कैसी है इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे। बात उस जनता की जिसको लोकतंत्र में रहने की आदत नही इसके बावजूद उसने परिपक्वता का परिचय दिया। इतना लंबा मार्च,हजारों हजार जनता,सब के सब अनुशासित। सरकार के खिलाफ आक्रोश परन्तु सरकारी सम्पति को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचाया। मीडिया में एक भी ख़बर ऐसी नहीं थी जिसमे ये बताया गया हो कि जनता ने फलां स्थान पर सम्पति को नुकसान पहुँचाया। इसको परिपक्वता नहीं तो और क्या कहेंगें।इसके विपरीत हिंदुस्तान में अगर ऐसा होता तो सबसे पहले सरकारी सम्पति की ऐसी की तैसी होती। सबसे बड़े लोकतंत्र वाहक रेल पटरियां उखाड़ देते, सरकारी भवन,सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया होता। जो उनके रास्ते में आता तहस नहस हो जाता। हिंदुस्तान में इस प्रकार से न जाने कितनी बार हो चुका है। हमारी तो फितरत है, " हारेंगें तो मारेंगें,जीतेंगें तो लूटेंगें"। पाकिस्तानियों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।लोकतंत्र की डींग मारने वाले हिन्दुस्तानी अपने पड़ौसी से कुछ तो सीख ही सकते हैं। पाकिस्तान की जनता को सलाम करने में मेरे ख्याल से कोई बुराई नहीं है। चाहे पाकिस्तान में यह सब कुछ दिनों के लिए ही हो , किंतु जब अच्छा हुआ तब तो उसकी प्रशंसा कर ही देनी चाहिए।

3 comments:

RAJNISH PARIHAR said...

बिलकुल इस मामले में तो पाकिस्तानी बाज़ी मार गए....ठीक है कम से कम कभी तो वे भी जीते..

imnindian said...

chinta mat kariye hum apne desh ko kai mamle me apna nahi samajte jaise tax ki chori agar koi kar raha hai to hum kahe ge bata de bhai mai bhi jara kar looga.
sarkar humari duhman hoti hai isliye hum sarkari ampatti jala dete hai.
ya yu bhi kah sakte hai jurm karne par political party ki saran lene par kuch nahi hota is liye hum bach jate hai pakistan me aisa option hi nahi hai...is liye wo chup rahjate hai shayad aur barbadi nahi hoti hai ....

imnindian said...

chinta mat kariye hum apne desh ko kai mamle me apna nahi samajte jaise tax ki chori agar koi kar raha hai to hum kahe ge bata de bhai mai bhi jara kar looga.
sarkar humari duhman hoti hai isliye hum sarkari sampatti jala dete hai.
ya yu bhi kah sakte hai jurm karne par political party ki saran lene par kuch nahi hota is liye hum bach jate hai pakistan me aisa option hi nahi hai...is liye wo chup rahjate hai shayad aur barbadi nahi hoti hai ....