मित्रो! आज बहुत दिनों बाद भड़ास पर लिख रहा हूँ वो अपने सन्दर्भ में नहीं अपने ही एक दार्शनिक मित्र के सहयोग के लिए कुछ लिख रहा हूँ अपने इन मित्र का नाम है मनोज अनुरागी नाम के ही अनुरागी नहीं काम भी इतने ही अनुरागी है लगभग ३३ वर्ष यायावरी में और फक्कड़पन में जीने के बाद अब इन्होने लगभग ६ महीने पहले शादी की और दुनियादारी के हो गये..परिचय बस इतना ही वैसे तो ये अनिवार्य नाम की मासिक पत्रिका के संपादक भी है.. अपनी यायावरी की कड़ी में इनका परिचय एक ऐसे महानुभाव से हुआ जो वास्तव में विलक्षण है और सरल भी उनके बारे में जब मुझ से चर्चा हुई जो विचार आया की इनका परिचय हिंदी ब्लॉग जगत और इन्टरनेट पर करवाया जाए सो मैंने इन्हें एक ब्लॉग बनाने का सुझाव दे डाला..अभी आनन फानन में एक नया ब्लॉग बनाया गया है जिसका नाम रखा है "महामाया रत्न ".इसका लिंक मैं नीचे लिख रहा हूँ इस आशा के साथ के इस नवीन प्रयास को भड़ास से भरपूर उर्जा और संबल मिलेगा..ये आपका प्यार पायेगा और सहयोग भी ऐसा मेरा मानना है...मेरी और अनुरागी जी की तरफ से आपको कोटि कोटि धन्यवाद
www.mahamayaratan.blogspot.com
डॉ.अजीत
30.3.09
मनोज अनुरागी जी नया ब्लॉग : महामाया रत्न
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