इस दो पल की जिंदगी में तन्हाई क्यूँ है... लोगों को हमसे रुसवाई क्यूँ है।?। इस दुनिया में इंसान कम तो नहीं॥… फिर मेरे साथ मेरी परछाई क्यूँ है? [www.yeduniyahai.blogspot.com]
17.3.09
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
इस दो पल की जिंदगी में तन्हाई क्यूँ है... लोगों को हमसे रुसवाई क्यूँ है।?। इस दुनिया में इंसान कम तो नहीं॥… फिर मेरे साथ मेरी परछाई क्यूँ है? [www.yeduniyahai.blogspot.com]
Labels: शेर...ओ..शायरी...
No comments:
Post a Comment