इन्द्रलोक-मुण्डका लाइन पर चलेगी स्टेन्डर्ड गेज ट्रेन
भारत की पहली स्टैण्डर्ड गेज मेट्रो ट्रेन दक्षिण कोरिया से समुद्र के रास्ते गुजरात के मुन्द्रा बंदरगाह पर पहुच गई है। वहां से यह ट्रेन सड़क के रास्ते दिल्ली लाई जायेगी। इस ट्रेन को इन्द्रलोक-मुण्डका लाइन पर चलाया जायेगा। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा अब तक चल रही तीनों मेट्रो लाइनों पर ब्राड गेज मेट्रों ट्रेनें चलाई जा रही हैं लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के मद्देनजर दूसरे चरण में निर्माणाधीन तीन लाइनों इन्द्रलोक-मुण्डका, केन्द्रीय सचिवालय-बदरपुर व एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को स्टेन्डर्ड गेज का बनाया जा रहा है। इनमें पहली दो लाइनों के लिए डीएमआरसी द्वारा ट्रेनें मंगाई जा रही हैं। भारत की पहली स्टेन्डर्ड गेज मेट्रो ट्रेन 25 फुरवरी को दक्षिण कोरिया के चेंगवोन शहर से समुद्र के रास्ते रवाना हुई थी और कल यह गुजरात के मुन्द्रा बंदरगाह पर पहुंची। वहां से यह ट्रेन चार बड़े ट्रेलरों पर सड़क के रास्ते दिल्ली लाई जायेगी। मेट्रो के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अनुज दयाल के अनुसार 30 मार्च तक यह ट्रेन दिल्ली पहुंच जायेगी, यहां से मुण्डका डिपो में ले जाया जायेगा। स्टेन्डर्ड गेज की मेट्रो ट्रेन के मुखोटे पर एक ही शीशा लगा होगा जबकि मौजुदा ट्रेनों ेमुखोटे पर दो शीशे हैं। इसके अलावा इस ट्रेन के भीतर व बाहर कलोज सर्किट कैमरे लगे होंगे तथा लैपटाॅप चलाने एवं मोबाइल बेटरी चार्ज करने के लिए ट्रेन के भीतर बिजली आपूर्ति के स्विच भी लगे होंगे। इस ट्रेन के प्रत्येक कोच के बाहर डिस्प्लेबोर्ड होगा जिससे प्लेटफार्म पर खड़े यात्राी ट्रेन के गंतव्य व प्रस्थान के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा प्रत्येक कोच के भीतर संबधित लाइन का डिजिटल नक्शा होगा और प्रत्येक कोच में 4 यात्राी सूचना बोर्ड होंगे। मेट्रो प्रवक्ता ने बताा कि डीएमआर सी ने 48 स्टेन्डर्ड गेट ट्रेन का आर्डर मिस्तुबिशी इलेक्ट्रिक कारपोरेशन एवं भारत अर्थ मुवर लिमिटेड (बीइएमएल) को दिया है जिसमें 46 ट्रेन 4 कोच की होंगी जबकि 2 ट्रेन 6 कोच की होंगी। इन 48 ट्रेल में यहां पहुंची केवल एक ट्रेन का निर्माण कोरिया में हुआ है जबकि बाकी ट्रेनें बीईएमएल की बंगलूरू स्थित फैक्ट्री में बनाई जा रही है। इसी वर्ष मई से इन ट्रेनों की आपूर्ति शुरु हो जायेगी और अगले वर्ष अंत तक सभी ट्रेनें डीएमआरसी को मिल जायेंगी। सभी ट्रेनों को पहले मुण्डका डिपो में तकनीकी रूप से परखा जायेगा इसके बाद इनकी जांच मुख्य लाइन पर होगी। इस ट्रेन की चैड़ाई मौजुदा ब्राड गेज ट्रेन की तुलना में थोड़ी कम है।
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