अभी कुछ दिन पहले ही मैंने भडास पर पढ़ा की अजमेर में एक नवजात बच्ची लावारिस मिली...जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी...!इस को पढ़ कर मैं रात भर सो नहीं पाया...!आखिर क्यूँ ऐसे हालात.. बन जाते है की माँ बाप को अपनी ही संतान को त्यागना पड़े..?कोई कैसे अपने जिगर के टुकड़े को इस तरह छोड़ सकता है.?और वो माँ तो सबसे ज्यादा बदनसीब है जो ९ महीने तक अपने पेट में पाल कर..उस बच्चे को इस दुनिया में २ मिनट भी न पाल पाए...?वो इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है...?आखिर वो बच्चा उसके लिए एक बोझ.. क्यों बन जाता है...जिसकी एक किलकारी से..सारा जग रोशन हो जाता है!इस पीडा को तो वो माँ बाप बेहतर समझ सकते है..जिनके कोई बच्चा नहीं है..!मात्र एक बच्चे के लिए वो दर दर भटकते है....!वो कोई मंदिर,मस्जिद,गुरुद्वारा और मजार जाना नहीं भूलते...बस किसी तरह भगवन उनकी गोद हरी कर दे...!एक संतान की चाहत में न जाने कितने व्रत...रखते है..!कहाँ कहाँ नहीं जाते....!और एक ये माँ थी जिसने ना जाने किस मजबूरी में अपने ही खून को तनहा अनाथ छोड़ दिया...और बच्ची ने.. अपनी जान देकर माँ बाप की गलती की सजा पाई...! ये घटना हम सब को सोचने पर विवश तो करती ही है.साथ में समाज के लिए एक सबक भी है.............www.yeduniyahai.blogspot.com
20.3.09
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