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15.3.09

खुशी.......................आरती आस्था


हमने कहा
हम हो न हो
लेकिन हर ख़ुशी हो वहां
जहाँ तुम रहो
तुमने कहा
जहाँ तुम नहीं होगी
वहां मै खुश कैसे रह सकता हूँ
हमने कहा
जहाँ हर चीज़ हो सिवाय मेरे
वहां भी नहीं!
तुमने कहा
जहाँ तुम्हारे सिवाय कुछ भी न हो
वहां भी l

2 comments:

Cyber Cop said...

kuchh gadbad to nahi hai is kavita me-----COPY PASTE to nahi hai---mai ye kavita kam se kam 2 ya 3 saal pahle DAINIK JAGRAN me PUNARNAVAA column me padh chuka hu---------

आस्था said...

dear koi gadbad nahi hai aap sahi kah rahe hain, meri hi yeh kavi dainik mein publish hui thi.