आज विश्व मे प्राय: दो सभी देश अपने राष्ट्रीय पर्व को प्रभावपूर्ण सैन्य शत्ति* प्रदर्शन के रुप मे मनाने लगे है। परंतु हमारे देश भारतवर्ष मे २६ जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सैनिक परेड के साथ्र २ देश की समृद्व सांस्कृति विरासत प्रदर्शन को विशेष महत्व है। हम सैन्य शत्ति* के साथ साथ भारतीय परंपराओ की समृद्वि और संस्कृति का उत्तरोतर विकास चाहते है। देश की राजधानी दिल्ली मे होने वाला मुख्य समारेाह जहां पडौसी देश और विश्व को हमारी सैन्य शत्ति* और सुरक्षा संबंधी बढते कदमो का एहसास कराता है। वही देश मे प*लती पू*लती संस्कृति को भी विशेष पहचान मिलती है। विभिन्न प्रांतो मे हो रहे विकास और संस्कृति की झलक देती मनोरम झांकियां विभिन्न लोक नृत्य विविधता मे एकता प्रबल एहसास कराते है। देश के भावी कर्णधार ब'चो के ड्रिल व्यायाम आदि के सामूहिक प्रदर्शन उ'जवल भविष्य का आश्वासन देते है। जाबांव सिपाहियो के राजपथ पर कदम ताल समूचे राष्ट्र को नये विश्वास के साथ भर देते है। आधुनिक सैन्य उपकरण जल एवं वायु सैन्य शत्ति* का प्रदर्शन तथा डेयर डेविल जैसे शो भारत माता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले पराक्रमी वीर सिपाहियो के हौसलो की भी बनगी देते है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारा भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतात्रिक देश है। हमारा देश १५ अगस्त १९४७ को आजाद हुआ और हमने अपना संविधान २६जनवरी १९५० को अंगीकार किया। परिणामस्वरुप भारत देश सम्प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणतंत्र बने। इस सुअवसर पर तत्कालीन राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रुप मे शपथ ली। तथा २१तोपो की सलामी के बाद डर्विन स्टेडियम मे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को प*हराया तथा भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की २६ जनवरी को महत्व बनाए रखने के लिए विधान निमार्ता सभा द्वारा यानि कांस्टीटयूशन स्वीकृति संविधान मे भारत के गणतंत्र को यह सच है। कि गणतंत्र आज दुनिया की सबसे अ'छी राजनैतिक व्यवस्था है। जहां हर नागरिक को अभिव्यत्ति* की स्वतंत्रता है। वह अपने मताधिकार का प्रयोग करेने के लिए स्वतंत्र है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। ्रकि हमारे देश का संविधान अन्य लोकतांत्रिक राष्ट्रो के सविधान से अलग व अनोखा है। क्योकि यहा आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक धार्मिक भौगोलिकता विविधताओ के बावजूद हमारा भारतीय संविधान अनेकता मे एकता के भाव सूत्र को समेटे हुए है। ऐेेसे विशाल राष्ट्र को एकसूत्र मे बंधना और प्रगति के रास्ते पर ले जाने मे भारतीय संविधान खरा उतरा है। दरअसल अंग्रेजी उपनिवेशकबाद के खिलाप* उन्नीसवी शताब्दी से ही की लहर उठ रही थी १८५७ मे हिन्दुस्तान के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे मंगल पांडे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे जैसे वीर क्रातिकारियो के बलिदान से हम भालिभाति परिचित है। कालंतर मे चंद्र रीजगुरु बलदेव गुर्गा भाभी लाला हरदयाल उल्ला खॉ सहित अन्य महान का्रतिकारियो ने अपने प्राणो की आहूति देकर देश को स्वतंत्रता की अलख जगाए रखा। बिस्मिला द्वारा लिखे सरप*रोसी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है। देखना है। मेरा कितना बाजूए कातिल में है। जैसे कौमी तराने आज आज भी नौजवानो के खून मे जोश पैदा करने का दम रखते है। साथ ही भगत ङ्क्षसह का सिहासन मेरा रंग दे बसंती चोला आज भी देश के युवाओ में कुर्बानी का जब्बा पैदा करता है। भारत के संविधान के लागू किए जाने से पहले भी २६ जनवरी का बहुत महत्व था। १९४७ से पहले भी राष्ट्र को स्वतंत्र कराने मे जिन प्रमुख राजनैतिक पार्टियो ने सक्रिय भागीदारी निभाई उनमे कांग्रेस पार्टी का नाम सबसे उपर आता है। जिसमे महात्मा गांधी, जवाहारलाल नेेहरु, सरदार भाई पटैल,लालालजपतराय, मौलाना अब्दुल कलाम, बाल गंगाधर तिलक जैसे राष्ट्र प्रेमी की भूमिका का महत्वपूर्ण नही थी भाारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा २६ जनवरी १९३० को लाहौर अधिवेशन में पहली बार तिरंगा झंडा प*हराया गया था। साथ इसी दिन सर्वसम्मति एक और पै*सला लिया गया। कि प्रतिवर्ष २६ जनवरी के दिन पूर्ण स्वतंत्रता दिवस के रुप मे मनाया जाएगा। देश आजाद हुआ और १५ अगस्त १९४७ की बागडोर को अंग्रेजो ने भारत की बागडोर जवाहारलाल नेहरु को सौंप दी। २५ नबम्बर १९४९ कों डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता मे संविधान सभा के गठन को मंजूरी मिली। २४ जनवरी १९५० को सभी सांसदो व विधायको ने इस पर हस्ताक्षर किए और इसके दो दिन यानि २६जनवरी १९५० को संविधान प्रभावी हुआ। आज २६ जनवरी हमारा राष्ट्रीय पर्व है। जो देश की राजधानी से लेकर देश के गांव गांव तक और घर घर तक मनाया जाता है। जगह जगह तिरंगा लगाकर हम भारतवासी अपने एक होने का सत्य को उजगार करते है। और देश के महान सपूतो के बलिदान का स्मरण करते है। आज देश को आजाद हुए ६४ वर्ष हो चुके है। प्रथम गणतंत्र दिवस २६ जनवरी १९५० को से आज बासठवॉ गणतंत्र दिवस है। और देश मे निरंतर प्रजातेंत्र मजबूत व विकसित हुआ। आओ आज के दिन हम सब देश को इसी तरह एकजुट होकर रखते हुए आगे ले जाने का संकल्प ले। जयहिन्द जय भारत
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