बेवकूफ सी काया लिए
मुस्कराते हुए गुजर जाएगी वह
आपके बगल से
आप निश्चित भूल जायेंगे
दुनिया की तारीख को
याद नहीं आयेगी वह
कि कब हांथो से फिसलकर
चली गयी धूप
बगल मैं पड़ी होगी लाठी
और आप लाठी के लिए चिल्ला रहे होंगे
तभी सरक रही होगी
आपके परों के बीच सर्पेरनी
आप देखते रह जायेंगे
और गुजर जाएगी यह तारीख ....
25.1.11
tarikh
Posted by Amod Kumar Srivastava
Labels: kasak
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment