यह बताने से पहले कि क्या कर रहे है, पहले तो हम अपनी पीठ थपथपालें। अब कुछ लिखता हूं।
प्रज्ञा दी, प्रखरता दी और दिया सम्मान, वाकई भैया रायपुर है महान। मैं इस शहर का आभारी हूं, जिसने मुझे वो सबकुछ दिया है, जो यह सबको देता है। मैं इसका और ज्यादा आभारी हो जाऊंगा अगर यह मुझे वो और दे देगा जो मुझे इससे अब चाहिए। जी हां अखबार की नौकरीनुमा रचनात्मकता में कहीं हम अपनी क्रियाशीलता तो बढ़ी पाते हैं, लेकिन रचनाशीलता को सिकुड़ा और पारंपरिक खांचों में फंसे जज्बात। इसी बात को ध्यान में रखकर हम कुछ लोगों ने गांधी पर एक अलग ढंग की फिल्म बनाने का फैसला किया है। यह काम कुछ-कुछ उसी तरह से है जैसे एक उद्योगपति के घर पर काम करने वाला माली उसकी हर अच्छी बुरी बात जानता है, लेकिन उस बात का इस्तेमाल नहीं। लेकिन अगर एकाध माली ऐसा कुछ जानने लग जाए तो उसे अतिरिक्त प्रज्ञा का धनी कहा जा सकता है। हम लोग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। गांधी की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर हम सबने इस फिल्म पर आज से औपचारिक रूप से काम करने का संकल्प लिया है। इसमें स्क्रिप्ट स्तर का काम रोहित और विनीत जी 5 फरवरी तक फाइनल कर देंगे। 15 फरवरी तक रोहित वरुण और नीरज कॉलेजों से इसके लिए पात्रों को खोजकर लाएंगे। 25 फरवरी तक वरुण इसकी पूरी शूटिंग रूप रेखा तैयार करके 26 फरवरी से शूटिंग स्टार्ट करेंगे। यह जिम्मा वरुण के पास ही रहेगा, कि कौन कैमरा चलाएगा, कौन एडिटिंग करेगा। साजसज्जा, फिल्म सेट्स, लोकेशन आदि की प्लानिंग। वहीं इस पुनीत और रचना के शुभ कार्य में हमारे सीनियर प्रसून जी का भी विशेष सहयोग मिल रहा है। विश्वविद्यालय में रावण के रूप में फैमस रहे हमारे साथी रंजीत की फिल्मी और नाटकीय प्रतिभा के इस्तेमाल की उनसे एसएमएस और मेल से बात हुई है। मित्रो यह कार्य ब्रम्हांड को अपने पैरों के नीचे रखने का बराबर है। यह फिल्म लोगों के बीच 1 अप्रैल तक होगी। इसकी संभावित रिलीज भी यही तारीख या रामनवमीं रहेगी। स्क्रिप्टिंग, शूटिंग, एक्टिंग, कोरियोग्राफी, फिल्मांकन, लोकेशन, इवेंट मैनेंिजग, एडिटिंग, पब्लिसिटी से लेकर सबकुछ काम हमारी यह टीम देखेगी। इस फिल्म के निर्माण से लेकर बहुत कुछ प्लानिंग है। दोस्तों संभव भी हो कि हम अपने मकसद में सफल न हो सकें। संभव भी है, कि हम इस प्रॉजेक्ट पर चंद कदमों पर ही ढेर हो जाएं। लेकिन आखिरी और आखिरी शब्द यही है, फिल्म तो बनकर रहेगी, और यह फिल्म जरूर बनेगी। गांधी जी से हमारा वायदा है दोस्त कि यह फिल्म जरूर बनेगी।
अंत में: फिल्म तो बनेगी भैया चाहे फिर कैसे भी बने। रचना यज्ञ में आहुति देने आप सभी पधारें। जय हे::::::::वरुण, ९००९९८६१७९
इनका आभार: श्री प्रसून जी, श्री विनीत जी, श्री रोहित जी, श्री नीरज जी, श्री श्याम जी, श्री भगत जी, श्री वो सब जो इस प्रॉजेक्ट से अबतक जुड़े हैं, और जो जुडऩे वाले हैं, या जो जुड़ेंगे ही जुड़ेंगे। और वो भी जो इसे हल्के से लेकर अंडर एस्टिमेट कर रहे हैं। इसके साथ ही वर्दी कमेंट्स भी हमें आपके चाहिए, जो आपको देने ही देने हैं।
30.1.11
पहले तो हम अपनी पीठ थपथपाएं
Posted by Barun Sakhajee Shrivastav
Labels: outlook
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