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23.1.11


 

जीवन के सफ़र में बस यूँ ही चलता जा रहा हूँ मैं, मंजिल क्या है ये न जान पा रहा हूँ मैं, जब सोचता हूँ इन मंजिलों के बारे में, तब अचानक नई दिशाएं पा जाता हूँ मैं!!

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