लूट खसोट और धक्कम पेल
सीना जोरी खींचा तानी
संसद में चल रहा ये खेल
देखो बन्दर बाँट चल रही
कोई तो इनकी कसो नकेल
सीना जोरी खींचा तानी
इनके राजा इनकी रानी
खुलेआम बिकते अधिकारी
मंत्री संत्री या चपराशी
कोई नब्बे कोई उन्नासी
सरेआम अब दे दो फांसी
संसद पर से दो इनको धकेल
कोई तो इनकी कसो नकेल
लोक लाज परवाह नहीं हैं
कुर्सी छोड़ कोई चाह नहीं हैं
नेता मंत्री चोर उच्चके
फर्क की कोई राह नहीं हैं
भेज दो सबको मंडाले जेल
कोई तो इनकी कसो नकेल
1 comment:
अच्छी रचना,बधाई ।
rastogi.jagranjunction.com
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