सी.एम्.जब प्रदेश की करने निकली सैर ;
अधिकारी थे खौफ में ,मांगे रब से खैर ;
पर जनता को मिल गयी मुंह मांगी सौगात ;
बिजली दर्शन दे रही ,सारे दिन और रात .
शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
Labels: shikha kaushik
5 comments:
kya bat hai shikha ji man ki bat khol kar rakh dee.
lekin ussi din jab bahen ji aati hai
केवल एक दिन की चांदनी...
दुआ करते हैँ कि वे रोज आयें ।
rastogi.jagranjunction.com
hakikat hai
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