मेरे प्यारे चिरकुंवारे
जब से हमने सुना है आप को हमसे सियासी इश्क हो गया है हमारा दिल भी आप के लिये बेकरार है । जब आप करते हैं कपाल भांती कसम से हमे नीद नही आती । फ़िर सुना कि लखनउ मे आप को अर्धरात्री को अपनी मेडिकल जांच करानी पड़ गयी तब से मन बड़ा बेचैन है । आप हमे पाने के लिये इतनी मेहनत कर रहें है और इधर हम हमारे मिलन के रास्ते मे आने वाली बाधाओ को लेकर बड़े चिंतित हैं । रूक्मणी की तरह आप हमे जब हरण करने अपने हेलिकाप्टर रथ मे आयें इसके पहले आप को हमारे इतिहास और वर्तमान के बारे मे जान लेना चाहिये ।
हमारे महाराज लोकतंत्र ने राजनीति और नौकरी नाम की दो राजकुमारियो से शादी की थी । राजनीति से कांग्रेस बीजेपी और तीसरा मोर्चा नामक तीन पुत्र हुये और नौकरी से अफ़सर और बाबू नाम के दो पुत्र हुये । सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि एक दिन आखेट मे महाराज से गलती से इमानदारी नामक गाय का वध कर दिया । श्रापित होकर महाराज का निधन हो गया और उनके साथ नौकरी भी सती हो गयी । राजनीति के बड़े पुत्र कांग्रेस ने स्वयंवर मे मुझे जीत लिया जीतकर जब वह मां के पास पहुंचा तो मां ने आदेश दिया कि पांचो भाई आपस मे बांट लो । तब से आज तक ये पांचो भाई मिल बाट कर मेरा सुख उठा रहे हैं । पर आप चिंतित न होना मुझे उर्वशी की तरह चिर यौवना होने का आशीर्वाद प्राप्त है ।
जब आप मेरा हरण करने आयेंगे तब ये पांचो भाई अपने ठेकेदार दलाल आदि महारथी मित्रो के साथ आपसे भीषण युद्ध करेंगे इस युद्ध मे कोई नियम न होंगे ।
पूरा पढ़ने के लिये http://aruneshdave.blogspot.com/2011/05/blog-post_29.html
जब से हमने सुना है आप को हमसे सियासी इश्क हो गया है हमारा दिल भी आप के लिये बेकरार है । जब आप करते हैं कपाल भांती कसम से हमे नीद नही आती । फ़िर सुना कि लखनउ मे आप को अर्धरात्री को अपनी मेडिकल जांच करानी पड़ गयी तब से मन बड़ा बेचैन है । आप हमे पाने के लिये इतनी मेहनत कर रहें है और इधर हम हमारे मिलन के रास्ते मे आने वाली बाधाओ को लेकर बड़े चिंतित हैं । रूक्मणी की तरह आप हमे जब हरण करने अपने हेलिकाप्टर रथ मे आयें इसके पहले आप को हमारे इतिहास और वर्तमान के बारे मे जान लेना चाहिये ।
हमारे महाराज लोकतंत्र ने राजनीति और नौकरी नाम की दो राजकुमारियो से शादी की थी । राजनीति से कांग्रेस बीजेपी और तीसरा मोर्चा नामक तीन पुत्र हुये और नौकरी से अफ़सर और बाबू नाम के दो पुत्र हुये । सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि एक दिन आखेट मे महाराज से गलती से इमानदारी नामक गाय का वध कर दिया । श्रापित होकर महाराज का निधन हो गया और उनके साथ नौकरी भी सती हो गयी । राजनीति के बड़े पुत्र कांग्रेस ने स्वयंवर मे मुझे जीत लिया जीतकर जब वह मां के पास पहुंचा तो मां ने आदेश दिया कि पांचो भाई आपस मे बांट लो । तब से आज तक ये पांचो भाई मिल बाट कर मेरा सुख उठा रहे हैं । पर आप चिंतित न होना मुझे उर्वशी की तरह चिर यौवना होने का आशीर्वाद प्राप्त है ।
जब आप मेरा हरण करने आयेंगे तब ये पांचो भाई अपने ठेकेदार दलाल आदि महारथी मित्रो के साथ आपसे भीषण युद्ध करेंगे इस युद्ध मे कोई नियम न होंगे ।
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