राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़
1. समारू - एक-एक कर मंत्रियों पर गाज गिर रही है।
पहारू - हां, अब उनके भाग्य में जेल की रोटी लिखी है।
2. समारू - सुप्रीम कोर्ट के सख्त फैसलों से सरकारों की नींदे उड़ गई हैं।
पहारू - अब सरकारें कहां रह गई हैं, वो तो कठपुतली बनकर रह गई है।
3. समारू - राहुल बाबा, किसानों के दर्द को समझने निकले हैं।
पहारू - मगर यूपीए-2 के दर्द का मर्ज भी तो ढूंढना चाहिए।
4. समारू - सरकार, माओवादियों से वार्ता की तैयारी कर रही है।
पहारू - वार्ता के अलाप बरसों से जारी है, मगर धेला भर बात बने तो।
5. समारू - छग सरकार पढ़े-लिखे एसपीओ को काम पर लगाएगी।
पहारू - सरकार को क्या लगता है, अनपढ़ एसपीओ, आलू ही छिल सकते हैं।
9.7.11
टेढ़ी नजर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

3 comments:
maza aa gaya....dhanyavad
maza aa gaya....dhanyavad
सुन्दर भड़ास,
हार्दिक बधाई ||
Post a Comment