सिर्फ एक चेहरा है..!! (गीत)
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
हर चेहरे पर एक पहरा है, और क्या है?
अंतरा-१.
चांदनी की जलन फिर ये ख्व़ाबों की उलझन ..!!
शरमिंदगी, सूरज की नहीं तो, और क्या है?
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
अंतरा-२.
प्यार, इश्क, रब से सरोकार क्या उसका..!!
आप से आप हुआ नीलाम, और क्या है?
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
अंतरा-३.
रोते क्यूँ हो, ग़मज़दा आजिज़ नक़ाब..!!
खो चूके तुम, ख़ुद की पहिचान,और क्या है?
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
(आजिज़ = बेचैन; ग़मज़दा=दुःखी)
अंतरा-४.
हटने से नक़ाब क्या, पनपेगी आदमियत..!!
इक और ग़लतफ़हमी नहीं तो, और क्या है?
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
हर चेहरे पर एक पहरा है, और क्या है?
आदमी सिर्फ एक चेहरा है, और क्या है?
मार्कण्ड दवे । दिनांक-०८-०२-२०१२.
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