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4.8.12

बुडविग प्रोटोकोल के शंसा पत्र (Budwig Protocol Testimonials)


बुडविग प्रोटोकोल के शंसा पत्र (Budwig Protocol Testimonials)

स्तन कैंसर (Breast Cancer)

श्रीमती जीन डी. थोमस उम्र 51 वर्ष वजन 185 पौंड को स्टेज-4 मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर था जो रीढ़ और बांह की हड्डी में फैल चुका था। पिछले वर्ष उसे स्टेज-2बी कैंसर था और 2009 और 10 में उसकी शल्यक्रिया (lumpectomy), कीमो और रेडियो की गई थी। उसे गर्दन, कंधे और पीठ में बहुत दर्द रहता था, जिसके लिए उसे फेन्टेनिल के पेच लेने पड़ते थे। उसे डायबिटीज भी थी।  उसने स्पेन के बुडविग सेंटर के डॉ. जेनकिन्स की देखरेख में  दिनांक 13 दिसंबर, 2010 से बुडविग उपचार लेना शुरू किया। उसे बहुत जल्दी फायदा हुआ और डेढ़ महीने बाद 5 फरवरी, 2011 को उसने डॉ. जेनकिन को यह पत्र लिखा।

श्रीमती जीन डी. थोमस (wndylynn@comcast.net)

शनिवार, फरवरी 05, 2011 5:18 AM

सेवामें

डॉ. जेनकिन्स,

बुडविग सेंटर, स्पेन

संलग्न – ट्यूमर मार्कर रिपोर्ट

डॉक्टर मैं आपको मेरे ट्यूमर मार्कर की रिपोर्ट बताना चाह रही हूँ। 13 दिसंबर, 2010 को जब मैं आपसे मिली थी तब मेरा CA27-29 146.8 था। 2 जनवरी, 11 को ये घट कर 23.7 रह गया है। 0 से 37.7 नोरमल माना जाता है। यानि मेरा नोरमल से भी कम आ गया है। मैं खुशी से रोमांचित हूँ। मुझे विश्वास नहीं हो पा रहा है कि इतने कम समय में इतना आश्चर्यजनक फायदा हो सकता है। इसके अलावा मुझे तीन फायदे और हुए हैं। एक तो 20 साल से मेरे कूल्हे पर एक गांठ (fatty lump) थी जो गायब हो गई है। मेरे पैर के अगूठे पर भी एक नोड्यूल था वह भी घुल गया है। तीसरा कई वर्षों से मेरी दाहिनी रिंग फिंगर में भी एक छोटी सी गांठ थी, वह भी ठीक हो गई है।

इस उपचार से मुझे बहुत फायदा हुआ है और जब तक आप कहेगे मैं यह उपचार लेती रहूँगी। मैं जानती हूँ कि मुझे यह आहार चिकित्सा लंबे समय तक लेनी है। यह पत्र मैं आपको अभी तक हुए  जबर्दस्त  फायदे बताने के लिए लिख रही हूँ।
-         जीन थोमस

ब्रेन ट्यूमर
नवंबर, 2008 में एक पांच बच्चों की मां लेट्शिया स्पेंसर को ब्रेन ट्यूमर हुआ और विडम्बना देखिये कि इस कठिन घड़ी में उसका पति उसे अकेली छोड़ कर चला गया। ऐसी परिस्थिति में बुडविग सेंटर ने  बिना फीस लिए बुडविग पद्धति द्वारा उपचार शुरू किया और हर्बल दवाइयां भी उपलब्ध करवाई। उसे बहुत फायदा हुआ। 
11 महीने बाद 19 सितंबर, 2009 में वह अपनी प्रतिक्रिया बताते हुए लिखती है, "हलो डॉ. जेनकिन्स, आपने मुझ पर कितना बड़ा उपकार किया है। आपके मार्गदर्शन से ही आज मैं इतना स्वस्थ महसूस कर रही हूँ। मैं सचमुच बहुत खुश हूँ। मेरा वजन भी 31 किलो कम हुआ है। अब मुझे सॉवरक्रॉट पीना बहुत अच्छा लगता है। मेरे बच्चे बहुत खुशकिस्मत हैं। मेरे पी.ई.टी. स्केन में कोई ब्रेन ट्यूमर नहीं आया है। शरीर में कैंसर का कोई निशान नहीं बचा है। इस सबके लिए मैं आपकी शुक्रगुजार हूँ। आपकी लंबी उम्र के लिए दुआ मांगती हूँ। जल्दी ही आपको मेरा फोटो भेजूंगी।
लेट्शिया (natimomof5@yahoo.com )
ब्रेन ट्यूमर
रविवार, 30 नवंबर, 2003 – क्लिफ बेकविद लिखते हैं, " मैं कनाडा के एक रोगी को जानता हूँ, जो बुडविग से उपचार ले रहा था। उसके ब्रेन में ऐडीनोमा नाम का कैंसर था। उसकी हालत बहुत गंभीर थी। उसे  कलर ब्लाइंडनेस हो चुकी थी,  उसे लाल रंग दिखाई नहीं देता था। वह 1997 में बड़ी आशा लेकर बुडविग से मिलने जर्मनी गया था।  कनाडा आकर उसने पूरी ईमानदारी से प्रोटोकोल शुरू किया। दो सप्ताह में उसे अच्छा महसूस होने लगा। तीन सप्ताह बाद उसकी नजर में सुधार आने लगा। कुछ महीनों बाद उसे लगने लगा जैसे उसका ट्यूमर ठीक हो चुका है। कुछ दिनों में चिकित्सकों ने उसकी जांच करके कह दिया कि अब उसके ब्रेन में कोई ट्यूमर नहीं है।  बह बहुत स्वस्थ और खुश है और अपना व्यवसाय कर रहा है। वह अभी भी प्रोटोकोल ले रहा है, लेकिन उतनी सख्ती से नहीं। यह उपचार ल्यूकीमिया समेत सभी तरह के कैंसर में काम करता है।" 
 ब्रेन ट्यूमर
दिसंबर 18, 2005 में मेरी बेटी को ग्लायोमा नाम का ब्रेन ट्यूमर हो गया था। डॉक्टर ने उसे कीमो या रेडियो भी देने से मना कर दिया, क्योंकि उसकी हालत बहुत गंभीर थी और उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं बची थी। फिर हमनें उसे बुडविग प्रोटोकोल देना शुरू किया, तीन सप्ताह बाद उसकी हालत में सुधार आने लगा। उसकी देखभाल करने वाले डॉक्टर भी कही कि यह तो चमत्कार ही हुआ है। 

ब्रेन ट्यूमर
33 वर्षीय डोरोथी मेकोर्ड को बांई तरफ फ्रंटल ग्लायोमा, लीवर और ओवेरियन कैंसर था। मेटास्टेसिस भी हो चुके थे। मैं नीचे उसका पत्र दे रहा हूँ जो उसने डॉ. लॉयड जेनकिन्स को उपचार शुरी करने के कुछ महीने बाद लिखा है।
डोरोथी मेकोर्ड (sdmc17@msn.com)
गुरूवार, सेप्टेंबर 2, 2010 4:29 PM
सेवामें
डॉ. लॉयड जेनकिन्स
हेलो डॉ. जेनकिन्स, " मैं आपको अपनी प्रतिक्रिया दे रही हूँ। कल मैंने अपना अल्ट्रा साउंड करवाया है। मेरी ओवरी में अब कोई सिस्ट या गांठ नहीं है (पहले एक सिस्ट तो नीबू के बराबर थी)। मेरी ओवरी अब बिलकुल ठीक है। इसके अलावा मेरे लीवर की गांठ भी 6 सैं.मी. से सिकुड़ कर 1.1 सैं.मी. रह गई है। यह तो चमत्कार हुआ है। मैं अपनी खुशी का इज़हार किन शब्दों में करू। मैं तो खुशी से  फूली नहीं समा रही हूँ। मैं लंबे समय तक इस उपचार को लेती रहूँगी।  मैं आपकी आभारी हूँ और बहुत धन्यवाद देती हूँ।
-         डोरोथी मेकोर्ड

बोन कैसर
इना एस. वेस्ट, फ्लोरिडा

"डॉक्टर्स ने सहानुभूति जताते हुए मुझसे कहा कि वे मेरे लिए कुछ करने में असमर्थ हैं। पिता की तरह मेरे माथे पर हाथ रख कर कहा कि मेरी स्थिति गंभीर है। उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे। लेकिन मैं विचलित नहीं हो रहा था। मैं शुरू से ही धर्म और चर्च से जुड़ा था। मुझे ईश्वर पर पूर्ण विश्वास था। हालांकि मुझे कहा गया था कि मैं मुश्किल से 3 से 6 महींने जी पाऊँगा। कैंसर से मेरा मेरुदंड कमजोर हो चुका था। मेरी रीढ़ की 9 हड्डियां सिकुड़ चुकी थी। इस कारण मेरे कंधे और छाती में बहुत पीड़ा होती थी। हमेशा दर्द-निवारक दवा लेनी पड़ती थी। थोड़े से झटके या दबाव से हड्डी टूटने का खतरा बना रहता था।

डॉ. केली ने मुझे बुडविग उपचार और एंजाइम्स लेने की सलाह दी। मैंने गंभीरता से इस उपचार लेना शुरू किया। एक साल बाद मेरी हालत में बहुत सुधार आया। मैंने पुनः अपनी धार्मिक गतिविधियां और यात्राएं शुरू कर दी।  

बोन कैसर

(डॉ. बुडविग की पुस्तक डर टोड डेस ट्यूमर्स – II  से  [The Death of the Tumor, vol. 2]) 

डॉक्टर ने नये और पुराने एक्स-रे का अवलोकन करते हुए कहा कि मिसेज. के. आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपकी हड्डियों के आधे से ज्यादा कैंसरग्रस्त टिश्यू ठीक हो चुके हैं (पेज 14)। गली हुई हड्डियां अब मजबूतऔर स्वस्थ हो गई हैं।  कॉलरबोन (Clavicle) का तीन सैं.मी. हिस्सा पूरी तरह गल चुका था जिसमें अब नये स्वस्थ अस्थि ऊतक (Bony Tissue) बन चुके हैं। वह सचमुच अचंभित था। 
टांग की हड्डी में सारकोमा (p. 28) 
डाक्टर्स ने कहा था कि टांग काटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।  लेकिन  डॉ. बुडविग के आग्रह करने पर डाक्टर्स ने रोगी का ऑपरेशन स्थगित कर दिया। फिर डॉ. बुडविग ने बच्चे का उपचार शुरू किया। यह मई, 1956 की बात है। उपचार शुरू करने के सिर्फ 14 दिन बाद बच्चा अपनी टांग को हिलाने डुलाने लगा।  20 अगस्त को हुए एक्स-रे में सुधार दिखाई दिया। टांग में 3 सैं.मी. की गांठ सिकुड़ कर  ½ सैं.मी. की रह गई (यह दिसंबर, 1956 में लिखा गया) ।

चेहरे की हड्डी का कैंसर (p. 36) 
"डॉ. बुडविग, मैं अक्टूबर, 1973 से आपका उपचार ले रहा हूँ और पूरी तरह शाकाहारी बन गया हूँ। मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। आज मैं पूरे विश्वास से कहता हूँ कि आपकी आहार-चिकित्सा से कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है। अक्टूबर में मैं पूरी तरह हताश हो चुका था और जीने की कोई आशा नहीं  थी। 6 महीनें में 35 रेडियेशन, तीन ऑपरेशन और मेरे लेफ्ट पेलेट में हुई गांठ  ने मुझे पूरी तरह तोड़ कर रख दिया था। जीने की हौसला नहीं बचा था। यदि मैं आपके पास नहीं आता तो मेरा बचना नामुमकिन था। आपसे मिल कर मुझे जीने की इच्छा पैदा हुई। बस मुझे ग्लानि इस बात की है कि यदि मैं आपसे तीसरे ऑपरेशन से पहले मिल लेता तो मुझे अपनी एक आँख, नाक व मुंह का कुछ हिस्सा, पूरा पेलेट (तालु) और ऊपर के कुछ दांत गंवाने नहीं पड़ते।" 
इस रोगी के बारे में बुडविग की प्रतिक्रिया

यह रोगी अक्टूबर, 1973 में मुझसे मिलने आटा था। उसके चेहरे की कई हड्डियों में मेटास्टेसिस हो चुका था। उसके तीन ऑपरेशन भी हो चुके थे, जिनमें उसकी एक आँख, चेहरे के एक तरफ की कुढ हड्डियां, ऊपर का जबड़ा निकाला जा चुका था। अब वह दोराहे पर खड़ा था, एक रास्ता उन कैंसर चिकित्सकों की तरफ जाता था, जो उसकी दूसरी आँख भी निकाल लेना चाहते थे। दूसरा रास्ता मेरी तरफ आ रहा था। उसने मेरे पास आना ही उचित समझा।  मैंने उसे ऑयल-प्रोटीन डाइट और एलडी तेल का लेप करने की सलाह दी। आज वह बहुत अच्छा महसूस कर रहा है। वह स्वस्थ और खुश है। उसकी नजर ठीक हो गई है। (1974 में लिखा गया) 

ब्रेस्ट कैंसर

डालिस जुरादो (dalis1_1999@yahoo.com ),
पनामा
डॉ. जेनकिन्स,
मारीपोसा क्लीनिक, स्पेन।
मैं आपको बहुत अच्छी खबर दे रही हूँ। मैंने अपना केट स्केन, लेब टेस्ट और मेमोग्राफी करवाई है। मैं ईश्वर, अपने परिवार और विशेष तौर पर आपको बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ कि मैं अब बिलकुल स्वस्थ हूँ, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं है, अब मुझे कोई ब्रेस्ट कैंसर नहीं है। मैं आपका उपचार ईमानदारी से ले रही हूँ, परहेज भी कर रही हूँ। मैं आपसे पूछती हूँ कि क्या मुझे अलसी का तेल और पनीर जीवन भर लेना पड़ेगा। मेरा प्रोल्क्टिन हार्मोन थोड़ा ज्यादा है, उसके लिए मुझे क्या करना चाहिये। अगले वर्ष मैं आपसे मिलने स्पेन आ रही हूँ, ताकि मैं आपसे मिल कर आपको धन्यवाद दूँ। मैं हमेशा आपके स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए ईश्वर से दुआ मांगती हूँ। यहाँ मैं अपने पति की बहुत प्रशंसा करना चाहूँगी, जिसने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया, मुझे संबल दिया, चिकित्सक होने के नाते हमेशा आपके उपचार पर पूरा विश्वास रखा और इस उपचार यात्रा में हर कदम पर मेरा शत प्रतिशत साथ दिया। आप मेरी प्रतिक्रिया अपनी सबके साथ साझा करें, जिसे दूसरे रोगी भी प्ररणा ले सकें।  
सन् 2000 की गर्मियों में बेल्जियम की लगभग 50 वर्षीय मगदा को ब्रेस्ट कैंसर बताया गया। उसे हार्मोन उपचार दिया गया, जिससे उसे कई साइड-इफेक्ट्स हो रहे थे। उसे हमारी क्लीनिक के बारे में मालूम था, इसलिए परामर्श के लिए वह मेरे पास आई।  वह बहुत घबराई हुई थी, क्योंकि उसके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का लंबा इतिहास था और परिवार की कई स्त्रियों ने बड़े कष्ट झेले थे।  लेकिन वह फिर भी खुशकिस्मत थी, क्योंकि उसके कैंसर का निदान प्रारंभिक अवस्था में ही हो गया था। हमने विस्तार से उसके कई परीक्षण किये तथा बुडविग प्रोटोकोल, डिटाक्स प्रोग्राम,  होम्योपेथी और हर्बल उपचार देना शुरू किया। दो महीने बाद वह अपने पुराने चिकित्सक के पास दिखाने गई, जिसने उसे हार्मोन उपचार दिया था। उसके फिर से टेस्ट किये गये और  उसके शरीर में कैंसर के कोई चिन्ह नहीं पाये गये। वह पूरी तरह स्वस्थ है और अहतियात के तौर पर हर्बल उपचार और ओमेग-3 तेल ले रही है।
-         डॉ. जेनकिन्स
ब्रेस्ट कैंसर

जून 2000 में स्पेन की अंतोनिया (उम्र लगभग पचास वर्ष) का मलागा, स्पेन में ब्रेस्ट कैंसर के लिए सर्जरी हुई। साथ में कीमो और हार्मोन उपचार भी दिया गया। कैंसर चिकित्सकों ने उसे पांच साल तक उपचार लेने की सलाह दी। तभी उसे किसी ने हमारे संस्थान के बारे में बतलाया। जब वह हमारे यहाँ आई तो इतनी कमजोर हो चुकी थी कि उसे  सहारा देकर कार से उतार कर अंदर लाया गया। हमने उसके ई.ए.वी. और खून के टेस्ट किये। कीमो और हार्मोन उपचार लेने के बावजूद भी उसको कई जगह मेटास्टेसिस हो चुके थे। 1 नवंबर, 2000 को हमने उसका उपचार शुरू किया। 6 हफ्ते बाद वह हमारी क्लीनिक पर दोबारा जांच के लिए आई।  हमने जांच में पाया कि उसके शरीर में कहीं भी मेटास्टेसिस नहीं थे। वह काफी ऊर्जावान लग रही थी। वह बड़े आराम से कार से निकल कर अंदर आई। उसकी दिनचर्या में सुधार आ चुका था। उसने खरीदारी और घर के छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिये थे। वह खुश थी और हमारे उपचार से पूरी तरह संतुष्ट नजर आई।   

ब्रेस्ट कैंसर
नीदरलैंड की 49 वर्षीय सबीन हायनमेन (12sabine@gmail.com) बांये स्तन में कैंसर था।  कैंसर तीन लिंफ नोड्स और पीठ में भी फैल चुका था। उसकी सर्जरी हुई और 18 कीमो की सायकल्स दी गई। उसने हमारे यहाँ भरती होकर दो हफ्ते तक इलाज लिया। 7 फरवरी, 2011 को उसने हमारे उपचार को माइंड ब्लोइंग बताते हुए शुक्रिया अदा किया। 25 मार्च को डॉ. नवारो क्लीनिक से उसके टेस्ट की रिपोर्ट मिली। उसका नवारो टेस्ट 51.4 था (49 का मतलब होता है कि आपको कैंसर नहीं है)। वह बुडविग उपचार ले रही है और स्वस्थ महसूस कर रही है।

ब्रेस्ट कैंसर


हेलो डॉ. बेकविद, "मैंने आपके शंसा प्रपत्र की नकल एक महिला (ऐन्डी) को दी, जिसे ब्रेस्ट कैंसर था, और उसका एक ब्रेस्ट निकाल दिया गया था। कैंसर काफी फैल गया था और एक साल के भीतर उसके दूसरे ब्रेस्ट की भी सर्जरी करना जरूरी लग रहा था। उसकी कीमो और रेडियो थेरेपी हो चुकी थी। डॉक्टर्स के पास अब कोई इलाज नहीं बचा था,  इसलिए उसे घर भेज दिया था।  वह मेरे पास आई। वह बहुत कमजोर हो चुकी थी। वह अपने दैनिक कार्य भी नहीं कर पाती थी। उसे कोई उम्मीद नहीं थी कि वह बच पायेगी। उसे प्रोटोकोल दिया गया। शुरू के कुछ दिन तो वह थकावट और कमजोरी की शिकायत करती रही। लेकिन चौथे दिन से उसमें शक्ति का संचार होने लगा और वह अच्छा महसूस करने लगी। कुछ ही हफ्तों में उसने क्लब जाना शुरू कर दिया।  वह कनाडा घूमने भी गई, जहाँ उसे बहुत पैदल भी चलना पड़ा, लेकिन उसे कोई परेशानी नहीं हुई।  दो हफ्ते पहले ही कैंसर चिकित्सक ने उसकी जांच की है। उसका दूसरा ब्रेस्ट पूरी तरह ठीक है और किसी तरह की तकलीफ नहीं है। चिकित्सक ने उसे एक साल बाद जांच के लिए बुलाया है।"
उसने मुझे कल ही फोन करके एक बार फिर शुक्रिया अदा किया है। उसने कहा है कि यह सारा चमत्कार अलसी के तेल का है। उसने वादा किया कि वह 5 टेबलस्पून तेल हमेशा लेती रहेगी।
ब्रेस्ट कैंसर
कुछ सालों पहले हमारी एक मित्र का मेमोग्राम हुआ। डॉक्टर का कैंसर का सन्देह हो रहा था। इसलिए उसने कहा कि कुछ हफ्तों बाद उसकी बायोप्सी करेंगे। लेकिन उसने तुरन्त रोजाना तीन टेबलस्पून अलसी का तेल और पनीर लेना शुरू कर दिया। बायोप्सी रिपोर्ट से सिद्ध हो गया था कि उसे कैंसर है।  उसके दूसरे टेस्ट भी किये गये और मेस्टेक्टॉमी करने का निर्णय लिया गया। लेकिन सर्जन ने कहा कि अभी ऑपरेशन नहीं करेंगे, बल्कि 6 हफ्ते बाद रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के साथ ही मेस्टेक्टॉमी करेंगे। लेकिन बाद में सभी ने सोचा कि सर्जरी में देर करना ठीक नहीं है, क्योंकि कैंसर के फैलने का खतरा था। इसलिए ऑपरेशन द्वारा ब्रेस्ट निकाला गया और बायोप्सी के लिए भेजा गया।  यकीन मानिये बायोप्सी में कैंसर का कोई नामोनिशान नहीं था। उसने सर्जन को बता दिया था कि वह बुडविग प्रोटोकोल ले रही है। अचानक वह चौंका और उससे इस उपचार के बारे में पछताछ करने लगा क्योंकि उसकी पत्नि को भी ब्रेस्ट कैंसर था और उसके दोनों ब्रेस्ट का ऑपरेशन हो चुका था। उसकी हालत बहुत गंभीर थी और वह कई जगह उसका इलाज करवा चुका था, लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं हो रहा था। अब उसने पत्नि को बुडविग प्रोटोकोल देना शुरू किया। मैंने सुना है कि उसकी हालत में बहुत सुधार आ रहा है।
   

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