बड़ी चालाक से किसी को भी बना लेती है अपना,
नशा है, जुनूं है, ज़िन्दगी है,बे-मज़हब पर दुरुस्त है.
शराब सी ज्यादा, जरा शातिर कम है ये दोस्ती!
नशा है, जुनूं है, ज़िन्दगी है,बे-मज़हब पर दुरुस्त है.
शराब सी ज्यादा, जरा शातिर कम है ये दोस्ती!
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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