फिल्म अभिनेता संजय दत्त के लिए राहत भरी
खबर है...अरे भई सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत जो मिल
गई है। पांच साल की सजा के बचे हुए साढ़े तीन साल के लिए जेल में सजा काटनी
थी...ऐसे में चार सप्ताह की मोहलत के बहाने साढ़े तीन साल की एडवांस कमाई करने का
मौका जो मिल गया..! संजय दत्त ने भी तो यही दलील दी थी कि
बॉलिवुड का 278 करोड़ रूपया उनकी फिल्मों में लगा है लिहाजा फिल्मों को पूरा करने
के लिए उन्हें 6 माह की मोहलत दी जाए। हालांकि कोर्ट ने संजय दत्त को 6 माह की तो
नहीं लेकिन एक माह की मोहलत तो दे ही दी है। (जरूर पढ़ें- तो
35
साल हो बालिग होने की उम्र..!)
एक दिन पहले ही कोर्ट ने जैबुनिस्सा अनवर
काजी की अर्जी खारिज कर दी लेकिन संजय दत्त को 4 सप्ताह की मोहलत दे दी। हालांकि
संजय को मोहलत मिलने की उम्मीद कम ही जतायी जा रही थी लेकिन कोर्ट का फैसला सबके
सामने है। वैसे ये सिर्फ हिंदुस्तान में ही हो सकता है कि एक व्यक्ति को उसकी
व्यवसायिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए सरेंडर करने के लिए 4 सप्ताह की मोहलत
दे दी जाती है जबकि अलग-अलग मामलों में सजा पाए लोगों को एक घंटे की भी मोहलत नहीं
दी जाती..!
हिंदुस्तान में विभिन्न अपराधों में जेल
में बंद अपराधियों की भी व्यवसायिक जिम्मेदारियां होती होंगी..? व्यवसायिक न सही पारिवारिक जिम्मेदारियां तो होंगी ही..? कईयों की हालत तो ऐसी होती है कि उनके घर में परिवार के मुखिया के या
किसी कमाऊ सदस्य के जेल जाने पर परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाता
है..! बच्चों की स्कूल की फीस जमा करने की कोई
व्यवस्था नहीं होती है..! जवान हो रही लड़की की शादी के इंतजाम के
लिए पैसा उनके पास नहीं होता है लेकिन किसी को अपनी इन जिम्मेदारियों को पूरा करने
की मोहलत नहीं मिलती है..!
संजय दत्त व्यवसायिक जिम्मेदारियों का
हवाला देते हैं। बॉलिवुड की 278 करोड़ की फिल्मों का काम अधूरा रहने की दलील देते
हैं और उन्हें पैसा कमाने के लिए 4 सप्ताह की मोहलत मिल जाती है। एक तरह से देखें
तो साढ़े तीन साल जेल में रहते हुए भी संजय दत्त की फिल्में रीलीज हो रही होंगी..! वे अपनी फिल्मों से जेल में रहते हुए भी पैसा कमा रहे होंगे और जेल से
निकलने के बाद उनके पास कम से कम पैसे की तो कोई कमी नहीं होगी..! लेकिन लाखों लोग जो जेल में बंद रहते हैं तो उनके परिवार की क्या हालत
होती होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है..! वे भी आज यही सोच
रहे होंगे कि काश हम भी संजय दत्त की तरह फिल्म अभिनेता होते..बड़े आदमी होते तो
हमें भी अपनी व्यवसायिक या पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की मोहलत मिल जाती..! वे सोच रहे होंगे कि हमारे लिए भी कोई जस्टिस काटजू राष्ट्रपति के पास हमारी
सजा माफ करने की अपील करते..! लेकिन अफसोस ये लाखों लोग न तो संजय दत्त
हैं और न ही जस्टिस काटजू जैसे कोई सज्जन उनकी सजा माफी के लिए राष्ट्रपति को
चिट्ठी लिखने वाले हैं..! (जरूर पढ़ें- संजय
दत्त निर्दोष हैं..!)
मैं न तो संजय दत्त को सरेंडर करने की
मोहलत दिए जाने के समर्थन में हूं और न ही जेल में बंद लाखों अपराधियों के लिए मेरे
मन में कोई नरम भाव है लेकिन एक ही देश में कानून के अलग-अलग रूप कम से कम मुझे तो
समझ में नहीं आते..! कानून सबके लिए समान होना चाहिए फिर चाहे
वो कोई फिल्म अभिनेता संजय दत्त हो...कोई राजनेता हो...कोई उद्योगपति हो या फिर
कोई दूसरा अपराधी..!
deepaktiwari555@gmail.com
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