पगथिया: शेर:
शेर
वो दिल बहलाने को फेंकते हैं समन्दर में कंकड़
नहीं सोचते हजारों लहरें यूँ ही खत्म हो जायेगी
उनके मुस्कराने का अंदाज कैसे ...
15.4.13
पगथिया: शेर
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
पगथिया: शेर:
शेर
वो दिल बहलाने को फेंकते हैं समन्दर में कंकड़
नहीं सोचते हजारों लहरें यूँ ही खत्म हो जायेगी
उनके मुस्कराने का अंदाज कैसे ...
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