उत्तराखंड के वर्तमान निकाय चुनावों में इंदिरा हृदयेश एवं कुंजवाल की
सन्तति के टिकट काटकर राहुल गाँधी ने एक ओर तो यह संकेत देने की कोशिश की
है कि अब वंशवाद नहीं चलेगा तो दूसरी ओर उन्होंने स्वयं को प्रधान मंत्री
बनने के झंझट से मुक्त कर लिया है । अब शायद राहुल जी राहुल जी कहकर उनके
पीछे लगे रहने वाले चापलूसों की कीमत थोडा कम हो जाए । पी एम् पद और
चापलूसों से पिंड छुड़ाने का और सर्वे सर्वा बने रहने यानी किंगमेकर बने रहने का यह एक अच्छा तरीका साबित होगा ।
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