Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

30.9.16

शहीदों को श्रद्धांजली में दिखा मुंबई का अद्भुत अंदाज



किसी की आंख नम हुई, किसी का गला भर आया और किसी का अंतस रोया

विशेष संवाददाता

मुंबई। ग्लैमर की राजधानी कहे जानेवाले मुंबई शहर को भले ही बहुत हसीन सपनों का शहर माना जाता हो। लेकिन यह शहर अपने राष्ट्र प्रेम के लिए तो समर्पित है ही, देश के लिए अपनी जान देनेवाले शहीदों के प्रति बहुत संवेदनशील, भावुक और मुसीबत के मर्म को समझनेवाला शहर भी है। इसका ताजा सबूत श्रीमद राजचंद्र मिशन के प्रमुख पूज्य राकेशभाई के 50वें जन्मदिवस पर उस वक्त देखने को मिला, जब शहीदों की विधवाओं एवं उनके परिवारजनों का अद्भुत और आत्मीय अंदाज में बहुत भावुक अभिनंदन हुआ।

28.9.16

HP High Court decision on Sanawar School : Lawrence School is Private or Public ?

HC refers the matter back to CIC, Delhi
Court orders CIC for time-bound decision on Sanawar School

Himachal Pradesh High Court at Shimla has referred the issue of
accountability of Lawrence School, Sanawar under RTI Act back to
Central Information Commission, New Delhi. Over eight years back, CIC
had held in 2008 that by no criteria could the school be outside the
purview of the RTI Act, and had, therefore, declared Lawrence School a
‘Public Authority’ attracting all provisions of the RTI Act.
Accordingly, the school headmaster was directed to provide information
to the appellant.

26.9.16

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, पाकिस्तान से युद्ध में मैं एक सैनिक के रूप में शामिल होना चाहता हूँ

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,

आज मेरी माँ ने पूछा कि क्या युद्ध हो सकता है? अगर हो तो बेटे तुम जरूर जाना, क्यों कि आज परिवार से ज्यादा देश को तुम्हारी जरूरत है, आजकल हमारे देश का युवा नकारात्मक होता जा रहा है, और छोटी मोटी बातों को लेकर क्राइम कर देता है, युवा अधिकतर नशा, ड्रग्स, आत्महत्या और प्रेम प्रसंग में फंसा हुआ है । और मैं चाहती हूँ, कि तुम देश प्रेम का संदेश आज के युवा को समझा सको, और इसमें तुम्हारी जान भी चली जाये, तो मुझे गर्व होगा ।

22.9.16

मधुबनी बस हादसा और विधायक की सेल्फी

Bj Bikash 
bjha45@gmail.com


बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत सुन्दरपुर टोला के पास सोमवार को भयानक बस हादसा हुआ। बस अनियंत्रित होकर पोखरे में गिर गई। हादसा इतना भयानक था की बस में सवार सभी 50 से अधिक यात्रियों के मरने की आशंका जाहिर की गई। जबकि आंकड़ो के हिसाब से हादसे के एक दिन बाद तक लगभग 40 शव को पोखरे से निकाला जा चूका है। हादसे के बाद से पुरे इलाके में चीख-पुकार मची थी। सभी यात्रियों के परिजन इधर उधर दौड़ भाग रहे थे। घटना सोमवार को करीब 11 बजे हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की घटना का कारण एक साईकिल सवार युवक की जान बचाने में हुई। बस की गति इतनी तेज थी की बस पोखरे में जाते ही इतनी अन्दर तक डूब गई की बस दिकाही भी नहीं दे रहा था। घटना के समय बस के ड्राईवर अभय चौधरी और खलासी बिल्टू सहनी बस से कूद कर भाग गया। पुलिस जाँच में मंगलवार को खलासी बिल्टू साहनी को पुलिस ने मधुबनी के जयनगर से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि ड्राईवर अभय चौधरी अभी भी गिरफ्त से बाहर है।

उम्मीद की किरन मगर तलाशता हूं मैं...

कवि डी एम मिश्र के गजल संग्रह का विमोचन व परिसंवाद ...

विमल किशोर

जन संस्कृति मंच की ओर से हिन्दी के चर्चित कवि डी एम मिश्र ;सुल्तानपुरद्ध के नये गजल संग्रह ‘आईना-दर-आईना’ का विमोचन 15 सितम्बर 2016 को लखनऊ के जयशंकर प्रसाद सभागार, कैसरबाग में किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ लोक गायिका व गजलकार डा. मालविका हरिओम के डी एम मिश्र की गजलों के सस्वर पाठ से हुआ। उन्होंने पहली गजल ‘मुहब्बत टूटकर करता हूं मगर अंधा नहीं बनता, खुदा से भी अपना प्यार इकतरफा नहीं करता।’ इसके बाद दूसरी गजल ‘कभी लौ का इधर जाना कभी लौ का उधर जाना, दीये का खेल है तूफान से अक्सर गुजर जाना’ सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। उन्होंने कहा कि श्री मिश्र की गजलें अदम गोंडवी की परंपरा को आगे ले जाती हुई दिखती हैं। उनकी रचनाएं प्रगतिशीलता का परिचायक हैं।

Letter to CMD Air India

Dear Journo Frens

we are pleased to announced that a Letter being handed over to CMD, Air India, Mr. Ashwani Lohani, by Vice President, Press Association, Delhi, Mr. Shishir Soni, seeking priority on spot ticketing of AI and 50 percent concession to the working Journalists travelling to AI.

14.9.16

Stop insulting Bharat Mata, Stop raping Womens because of their Religion

Are you a Muslim Women? Do you eat beaf ? If yes, then few people belonging to hindu community would gangrape you, They will gang rape your daughters, who are under aged. Those arrested for murder or rape would soon be liberated. This is india, a country where idols of women are worshipped by hindus. But when it comes to Muslim womens they are free to rape them.

13.9.16

मोदी के इंटरव्यू के दौरान टॉप पर रहा IBN7, आज तक, इंडिया TV को पछाड़ा

नई दिल्ली। 2 सितंबर, शुक्रवार रात 9 बजे जिस वक्त IBN7 न्यूज चैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू टेलिकास्ट हुआ, IBN7 देश के तमाम हिंदी समाचार चैनलों को पीछे छोड़ते हुए नंबर-1 रहा। बीएआरसी के आंकड़ों के मुताबिक, IBN7 ने इस इंटरव्यू के दौरान आज तक, इंडिया टीवी, एबीपी और जी न्यूज जैसे हिंदी चैनलों को पीछे छोड़ दिया।

पत्रकारों से भिड़ा भाजपा नेता, माफी मांगने की लगा रहा गुहार

चन्द घंटों में उतरा नेतागिरी का भूत, हजार रुपये के विज्ञापन का पैसा बाकी.. आपराधिक मुकदमों में लम्बा चौड़ा इतिहास, विवादों से पुराना नाता, भाजपा की छवि पर दाग लगाता नेता, चुनाव से पहले पत्रकारों से बैर...

ऊधमसिंह नगर। जहां एक ओर भाजपा पार्टी अपने अनुशासन और शिष्टाचार की दुहाई देती नहीं थकती है और ऐसे दावा किया जाता है जैसे मानों इस राजनीतिक दल को छोड़ इनसे अच्छा और कोई नहीं ? तो वहीं दूसरी ओर जनपद यूएस नगर के किच्छा विधानसभा में एक भाजपा नेता कहलवाने वाला नेता अपनी ही पार्टी की छवि पर दाग लगा रहा है और अनुशासन की धज्जियां उड़ा अपने आपको पार्टी से बड़ा होने का दाम भर रहा है, जहां एक ओर वो खुले आम पत्रकारों पर अपनी दबंगता दिखाने से बाज नहीं आ रहा है तो वहीं उसको देख आवाम के मन में सवाल उठ रहा है कि जो भाजपा अनुशासन की दुहाई देती नहीं थकती है तो आखिर उसी पार्टी में ये नेता कैसे बना हुआ है जो पत्रकारो पर ही अपनी दबंगता दिखाने से बाज नहीं आ रहा है और खुलेआम हुंकार भरता है देख लेने की धमकी दे रहा है।

हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स में कर्मियों से यह फार्म साइन कराया जा रहा



खाट कांग्रेस की लुटी, बदनाम गरीब हो गया

अजय कुमार, लखनऊ
   
खाट कोई लूट रहा है और तोहमत किसी और पर लगाई जा रही है। खाट लूट कांड में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी गरीबों को बदनाम कर रहे हैं, जबकि वह जानते हैं कि खाट पर बैठने और उसे लूटने वाले दोंनो ही कांग्रेसी थे, जिन्हें राहुल की खाट पंचायत के लिये विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। इसी लिये राहुल गरीबों की आड़ में कांग्रेसियों के कुकर्माे पर पर्दा डाल रहे हैं। जिन्होनंे दशकों तक देश को लूटा वह लोग ही सत्ता से बाहर होने पर खाट लूट काड को अंजाम दे रहे हैं। गरीब मंे अगर लूटपाट करने की हिम्मत होती तो वह ताउम्र गरीबी का दर्द क्यों सहता रहता, जो गरीब आजादी के 70 वर्षाे के बाद भी अपना वाजिब हक नहीं हासिल कर सका, वह खाट लूट की हिम्मत कैसे कर सकता है ?

जियो सिम ब्लैक होने का बड़ा अड्डा बना उत्तर प्रदेश का बरेली

जियो सिम के चक्कर में घण्टों लाइन फिर भी हाँथ लगता है धोखा, स्टोर की प्रक्रिया बनाई गई जटिल और अपारदर्शी ताकि लोग खरीदें ब्लैक में सिम


रामजी मिश्र 'मित्र'

बरेली (उत्तर प्रदेश) /जबसे जियो सिम आया है तबसे इसकी चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही। इसके चर्चा की बड़ी वजह बना है इसका फ्री बताया जाना। और तो और तीन महीनो तक तमाम सुविधाओं का भी मुफ्त मिलना इसकी जोरदार चर्चा का बड़ा कारण बनकर उभरा है। जियो सिम के बाजार में उतरते ही लोगों का हुजूम इसे पाने के लिए जगह जगह उमड़ने लगा और यही से शुरू हुआ जियो की ब्लैक मार्केटिंग का फलता फूलता धंधा। जानने में यह बात भले ही अटपटी लगे लेकिन जियो सिम मुफ्त में पाना जीतनी टेढ़ी खीर है इसे ब्लैक में उतनी ही आसानी से पाया जा सकता है। जियो सिम की सबसे ज्यादा तादाद में कालाबाजारी इन दिनों उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हो रही है। जियो सिम में मुफ्त में मिल रही तमाम सेवाओं के चलते सिम को पाने के लिए बड़ी तादाद में ग्राहक तैयार हो चुके हैं जिसे अब काला बाजारी के दलालों को सीधा लाभ मिलना शुरू हो गया है।




यूं ही कोई अपने कपड़े नहीं उतरवाता!

अक्षय जैन

दुनिया में ता़कतवर तो हर कोई होना चाहता है, नंगा कोई नहीं होना चाहता। यह नियम अमरीका पर लागू नहीं होता। नंगा होने में और दूसरे को नंगा करने में अमरीका का मु़काबला दुनिया का कोई मुल़्क नहीं कर सकता। जो लोग हिंदुस्तान में तीसमारखां बनते हैं, अमरीका के एयरपोर्ट पर अपने कपड़े उतारने में एक मिनट की भी देर नहीं लगाते। य़कीन न हो, तो शाहरु़ख खान से पूछ लीजिये।

काश... मैं 30 साल का होता!

राजेश ज्वेल

अपनी मोबाइल सेवा जियो की धमाकेदार लॉन्चिंग के साथ रिलायंस प्रमुख मुकेश अम्बानी एक बार फिर सुर्खियों में हैं... देशभर के स्मार्ट मोबाइल फोन धारक इन दिनों जियो सिम कबाडऩे की जुगत में भिड़े हैं और तमाम रिलायंस डिजीटल स्टोर्स के बाहर कतारें लगी हैं। सालों से टेलीफोन और मोबाइल कम्पनियां उपभोक्ताओं को लूटती आ रही है। ऐसे में जियो के ऑफर काफी ललचाने वाले हैं। हालांकि मुकेश अम्बानी भी पक्के कारोबारी हैं और जियो के जरिए भी वे कोई समाजसेवा तो करने नहीं निकले हैं... मुनाफा जरूर कमाएंगे, लेकिन पूरे मार्केट पर कब्जा कर लेंगे। जानकारों ने अभी जो गणित-ज्ञान लगाकर बताया, उसके मुताबिक प्रति उपभोक्ता औसतन 180 रुपए की बिलिंग पर जियो घाटे की दुकान साबित नहीं होगा और मेरे हिसाब से तो 180 रुपए का औसत बिल बहुत अधिक नहीं है। अभी सामान्य रूप से ही मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर 1000-800 रुपए से कम का खर्चा नहीं आता।

निसबड ने माना सोशल मीडिया मार्केटिंग को एक स्किल

नोएडा। आज के दौर में अगर कोई माध्यम है जो अपनों को और अनजानों को एक समान जोड़ता है तो वो है सोशल मीडिया। भला आज ऐसा कौन है जो सोशल मीडिया पर नहीं। व्हाट्सएप, फ़ेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब जैसे सोशल नेटवर्किंग के तरीके घर-घर में अपनी जगह बना चुके हैं। कई लोग तो दिन की शुरुआत ही फ़ेसबुक पर पोस्ट देखकर करते हैं। वहीं बहुत से लोगों के लिए तो दिन का आखिरी पहर भी सोशल मीडिया पर ही होता है।

हिंदी दिवस पर विशेष लेख : स्वाधीन चेतना की भाषा हिन्दी की उपेक्षा क्यों?

मनोज कुमार

हिन्दी को लेकर भारतीय मन संवेदनशील है लेकिन उसका गुजारा अंग्रेजी के बिना नहीं होता है। सालों गुजर गए हिन्दी को राष्ट्रभाषा का मान दिलाने का प्रण ठाने लेकिन हिन्दी आज भी बिसूरती हुई अपनी हालत पर खड़ी है। हर साल सितम्बर का महीना हिन्दी के नाम होता है और बाकि के 11 महीने अंग्रेजी को समर्पित। ऐसे में हिन्दी को जनभाषा के रूप में प्रतिष्ठापित किये जाने की जो कवायद है, वह आयोजनों तक ही रह गई है। कल तो इलीट क्लास के लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाते थे, अब निम्र आय वर्ग भी अंग्रेजी स्कूलों के मोहपाश में बंध गया है। आखिर यह स्थिति आयी क्यों, इस पर चिंतन की जरूरत है। यह क्या गर्व की बात है कि हम कहते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति अमुक मंच से हिन्दी में भाषण देकर आए हैं और उनमें भी चुनिंदा नाम गिनाये जाते हैं। जब भारत वर्ष की भाषा हिन्दी है तो किसी ने हिन्दी में भाषण देकर अपनी परम्परा को आगे बढ़ाने का काम किया है बल्कि हमें तो बार बार इस बात की आलोचना की जाना चाहिए कि अमुक राजनेता अपनी भाषा छोडक़र अंग्रेजी में बात कर रहा है। जिस दिन हम अपनी इस सोच में बदलाव करेंगे, हिन्दी की दशा और दिशा दोनों ही बदल जाएगी।

8.9.16

Bjp has crossed all levels of Hypocrisy

In my view  there should be a limit to hypocrisy and fascism. Congress is just standing as a mute spectator. Bjp has crossed all levels of Hypocrisy. It has banned Beef in many of indian  states. It is isolating and mob lynching Muslims who are rumored to have eaten Beef. My question to  phadnivis is,  if a muslim is found eating or carrying beef , He would be sent to jail.

बिहार की मीडिया का मजाक उड़ाता न्यूज़ ऑफ़ बिहार वेब पोर्टल




nidhi kashyap 
कुछ दिन पहले ही शुरू हुए वेब पोर्टल न्यूज़ ऑफ़ बिहार इन दिनों काफी चर्चा में है चर्चा का विषय  है समाचार में लिखी जा रही गलतिया, गलतिया भी ऐसी की मुख्यमंत्री नितीश कुमार तक को नहीं बक्शा, न्यूज़ का स्लग था "बाढ़ राहत शिविर में नितीश ने किया महादलित  महिला का दुष्कर्म" न्यूज़ का लिंक फेसबुक पर शेयर होते ही बात पुरे मीडिया में फ़ैल गयी, न्यूज़ ऑफ़ बिहार के इस घटिया रिपोर्टिंग के लिए लोगो के कमेंट भी आने सुरु हो गए थे, कुछ मीडिया कर्मी ने पोर्टल के कार्यालय में फ़ोन किया तब जा के पोर्टल ने न्यूज़ डिलीट कर दिया,

जिम्सी के सभी मित्रों और अध्यापकों से माफी चाहता हूं....


माफी चाहता हूँ अपने सभी अजीज मित्रों से और जिम्सी के सभी अध्यापकों से माफ़ करना या मत करना ये आपकी स्वतंत्र मानसिकता है .. मै इसके सिवा आपसे कुछ और नही कह सकता हूँ क्यों मुझे माफ़ी मागने अलावा कोई दूसरा अधिकार मेरे पास नही है .......कालेज के दिनों में जो सीखा पढ़ा लिखा वो सब मेरे साथ ही शायद समाप्त होजायेगा ,,, मेरा परिवार किसी को भी दोषी नही ठहरायेगा ,,,क्योंकि उनको कोई जानकारी ही नही है ,,,,,,,,,

संपादक ने पैसे लेकर रोकी खबर! शिकायत पर आई जांच टीम

पत्रिका होशंगाबाद के संपादक हरमिंदर लूथरा की खनन माफिया के साथ साठगांठ खबर रोकने की शिकायत प्रबंधन और डायरेक्टर से हुई है। इसमें उनकी ही कंपनी के एक पूर्व रिपोर्टर ने दर्जनों दस्तावेजों के साथ शिकायत की है। माफिया से साठगांठ के खुलासे के बाद पत्रिका प्रबंधन सकते में आ गया है। उसने लूथरा के खिलाफ जांच दल का गठन किया है।










The New Constitution of India

Markandey Katju 

A long time has expired since 1950 when the Indian Constitution was made, and it has now become necessary to frame and promulgate a new Constitution in view of the changed circumstances. Hence this new Constitution has been drafted by the best legal minds of India, and submitted to the people for their approval.

संपादक बड़ा या पप्पू?

एक बड़े अख़बार के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी. लंच टाइम मे अक्सर अख़बार के कर्मचारी वहाँ समोसे खाया करते थे. एक दिन अखबार के संपादक समोसे खाते खाते समोसेवाले (पप्पू) से मजाक के मूड मे आ गये. संपादक ने समोसेवाले से कहा, "यार पप्पू, तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से मेंटेन की है. लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता के तुम अपना समय और टॅलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो? सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी में काम कर रहे होते तो आज डी एनई या एन ई होते..

पीलीभीत में एक चिकित्सक की लोकप्रियता ने उड़ाये दिग्गजों के होश, सत्ता की ताकत को ढाल बनाने की कोशिशों से लोगों में नाराजगी




पत्रकारिता से भी है चिकित्सक का लगाव, ‘एमएस’ के बाद बाकायदा ‘मॉस-कॉम’ की डिग्री ली
14 अगस्त को शुरू हुआ ‘बीमारी से आजादी’ अभियान
सत्ता की ताकत से अभियान को थामने की हो रही है कोशिश
समाजसेवियों, कारोबारियों, चिकित्सकों, पत्रकारों और युवाओं का मिला साथ
शहरी चिकित्सकों ने दल-बल के साथ पकड़ी गांव की राह, गरीब मरीजों को राहत

पीलीभीत। एक ईमानदार मामूली पहल ही किस तरह लोगों के लिए उम्मीद की रोशनी बन जाती है और सिस्टम के लिए आइना, अगर यह देखना हो तो पीलीभीत के बरखेड़ा आ जाइये। एक जोशीले चिकित्सक की सियासत के रास्ते तब्दीली की कोशिश और उसे मिल रहे समर्थन ने बड़े-बड़ों के होश गुम कर दिये हैं। नतीजा यह कि अब सत्ता की ताकत के सहारे रास्तों में कांटे बिछाने की कोशिशें की जा रही हैं। ‘ बीमारी से आजादी ‘  अभियान की मल्टी यूटिलिटी व्हीकल के पहिए को पुलिस ने जब थाम लिया तो इसके पीछे की ताकत के बारे में कयास लगने लगे।

सुप्रीमकोर्ट के नए आदेश के बाद कामगार अधिकारियों के चेहरे पर उड़ रही हैं हवाइयां

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट के विद्द्वान् न्यायाधीश रंजन गोगोई सर और पंत सर द्वारा जिस तरह उत्तराखंड के  लेबर कमिश्नर के खिलाफ  वारंट निकाल दिया गया और उत्तर प्रदेश के लेबर कमिश्नर को जेल भेजने की चेतावनी देते हुए 6 सप्ताह में इस वेज बोर्ड को लागू कराकर इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया उससे देश भर के लेबर कमिश्नरों,लेबर अधिकारियों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं।जो अधिकारी समाचार पत्र कर्मचारियों से ठीक से बात तक नहीं करते थे और हर पल की डायरेक्ट रिपोर्टिंग अखबार मालिकों को करते थे  अब समाचार पत्र कर्मचारियों को देखते ही हल्कि सी स्माइल देते हुए बैठा रहे हैं।

स्वराज एक्सप्रेस के कर्ताधर्ता माननीय S.P. त्रिपाठी हुए आपे से बाहर!

स्वराज एक्सप्रेस के कर्मचारियों के छोड़कर जाने के कारण और पुराने कर्मचारियों के वेतन एवं पी एफ मांगने पर त्रिपाठी जी गाली गलौच और जूते मारने की बाते करने लगे हैं। इससे मालूम चलता है कि उनकी मानसिक दशा ठीक नहीं है। उन्हें मनोचिकित्सक की जरूरत है। इन हरकतों से पीड़ित कर्मचारियों ने labour court जाने की तैयारी की है।

मुंबई के एक भी समाचार पत्र ने नहीं कराया है टांसफर, टर्मिनेशन, ससपेंशन के नियम को प्रमाणित

आर टी आई से हुआ खुलासा.... मुंबई के एक भी समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने इंडस्ट्रीयल एम्प्लायमेंट (स्टैंडिंग आर्डर ) एक्ट १९४६ के तहत टांसफर, टर्मिनेशन, ससंपेशन के नियम को  लेबर विभाग से प्रमाणित नहीं कराया है। और  बिना आदेश को प्रमाणित कराये ये समाचार पत्र स्टैंडिग आर्डर से बचने के लिये माडल स्टैंडिंग आर्डर का सहारा लेरहेहै। यह खुलाशा हुआ है आर टी आई के जरिये।

अमर उजाला रुड़की ने कोतवाली को बना दिया शमशान



अमर उजाला देहरादून से जुड़े रुड़की सेंटर के प्रभारी विनोद सिंह ने कोतवाली को ही शमशान बना डाला। अगर आपको यकीन नहीं आता तो आप अमर उजाला रुड़की में 4 सितंबर को पेज 4 पर छपी इस खबर को देख सकते हैं।

विमल कुमार हिन्दी का कवि है या सत्ता का दलाल

विनय श्रीकर

विमल कुमार का एक पोस्ट पढ़कर मैं विचलित हो गया। यह आदमी हिन्दी का कवि है या सत्ता का दलाल। यह रामवृक्ष बेनीपुरी जी के लिए भीख मॉंग रहा है।
बेनीपुरी जी ऐसे लोगों के कभी मोहताज नहीं रहे।

मैंने बेनीपुरी जी को मन से पढ़ा है। उस महान व्यक्ति के लिए यह आदमी दुष्प्रचार कर रहा है। इस आदमी की फेसबुक पोस्ट से ऐसा लगता है जैसे इस देश में कोई बेनीपुरी जी को जानता ही नहीं। हर पढ़ा-लिखा लेखक बेनीपुरी जी को अवश्य पढ चुका होता है। विमल कुमार बेनीपुरी जी के बहाने अपनी मार्केंटिंग पर उतारू है। न यह आदमी पत्रकार होने के लायक है न ही कभी कवि रहा है। इसके सारे फेसबुक पोस्ट मसीहाई मुद्रा में होते हैं। इसे अपने निजी इतिहास तक का ज्ञान नहीं है।

यूपी बीजेपीः एक अद्द ‘मोदी’ की अधूरी तलाश

संजय सक्सेना, लखनऊ

भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य है कि यहां विरोधी दलों के नेताओं की किसी भी बात और सुझाव को तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाता हैं,जब तक की सत्तारूढ़ दल को इस बात का अहसास नहीं हो जाता है कि उसके विरोधी उसे किसी तरह का नुकसान पहंचा सकते हैं। वहीं विरोधी दलों के नेताओं के नेताओं ने भी ऐसी इमेज बना ली है मानों उनकी राजनीति सिर्फ सत्तारूढ़ दल के कामों का विरोध करके ही आगे बढ़ सकती है। नेताओं के व्यक्तिगत जीवन का तो पता नहीं, लेकिन उनके राजनैतिक जीवन में इसका बेहद खराब असर सियासत और समाज पर पड़ रहा है। नेताओं में एक-दूसरे के प्रति न केवल सम्मान का भाव कम हुआ है बल्कि दूसरे दलों के नेताओं के विचार सुनने की प्रवृति में भी कमी आई है। सियासतदारों को कभी-कभी इसका नुकसान भी उठाना पड़ जाता है, लेकिन आदत से मजबूर नेता अपनी बेढंगी चाल ठीक करने को तैयार ही नहीं होते है। अगर ऐसा न होता तो बीजेपी वाले  बसपा सुप्रीमों माावावती के आजमगढ़ की रैली में दिये गये उस बयान को गंभीरता से लेते जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी वाले उनके रिजेक्टेड माल (नेताओं) को पार्टी में शामिल कर रहे हैं। माया ने भले ही सियासी रूप से यह बात कही हो लेकिन इसके पीछे की हकीकत को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। बसपा छोड़कर जिन भी नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है उसमें से अधिकांश नेता बसपा में हासिये पर पड़े हुए थे।

उ0प्र0 में मुलायम की जमीन दरक रही है

चुनावी नुकसान की जिम्मेदारी अब उ0प्र0 में प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले?

विनय ओसवाल

क्या कांग्रेस और भाजपा को छोड़ कर कोई दूसरा राजनैतिक दल आज पूरे हिन्दुस्तान में राजनैतिक पहचान और थोडा या बहुत जनाधार रखता है ? इसका जबाब है नही । इन दोनों दलों को छोड़ कर , कभी कोई तीसरा राजनैतिक दल ऐसी हैसियत बना पायेगा ? इस सम्भावना पर भी राजनेताओं की महत्वाकांछाओं का ग्रहण लगा हुआ है । लगातार सिकुड़ती जा रही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए यह सबसे उपुक्त समय है कि वह , यह चिंतन करे कि उसे अपने सम्रद्ध राजनैतिक इतिहास की पहचान को जिन्दा रखना हैं या दो ध्रुवीय विश्व की राजनीति में तीसरे ध्रुव को जन्म और नेतृत्व देने वाले अपने शीर्ष नेताओं के वंशजों की पहचान को जिन्दा रखना , आज उसकी प्राथमिकता है ।

7.9.16

राजनीतिक व्यंग्य : मोदी को कोट तो राहुल को खाट पसंद है

प्रभुनाथ शुक्ल

अमां हम क्या बोलें। सबकी अपनी पसंद है। वालीवुड वाले खान भईया को तो बेबी की बेस पसंद तो कभी संजय भाई को चोली और चुनरी के नीचे क्या है...बेहद पसंद रहा। इ ससुरी पसंद को भी क्या बोलें। एकदम निखट्टू बेशर्म और हरजाई है। जहां जब इसके जी में आता है पसंद ना पसंद पर दांत चिंगार अपना मुहर लगाने लगती है। इंडिया में तो सारे फसाद की जड़ भी ससुरी यही है। अब उ अपने टीवी सीरीरयलवाली पंक्षी को देखिए जिस लौंडे पर वह लट्टू है वह ससुरा पूरा निखट्टू है हां भाई हां...पंक्षी जिस पर लट्टू है वह लौंडा बड़ा निखट्टू है। अब अपनी विद्यावालन को देखिए उनकी सोच और पसंद भी अजीब है वह टीवी पर बताती फिरती हैं कि जहां सोच वहीं शौचालय।

आजम खान का दर्शन : अपनों को गलीचा, दूसरों को गाली

अजय कुमार, लखनऊ

समाजवादी पार्टी में आजम खान की हैसियत किसी से छिपी नहीं है। आजम हैं तो अखिलेश सरकार में मंत्री, लेकिन कथित रूप से उनकी  वफादारी सपा प्रमुख मुलायम सिंह के प्रति रहती है। वह अखिलेश सरकार में अपने आप को काफी महत्वपूर्ण समझते हैं, लेकिन अखिलेश इन्हें कभी ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं। अखिलेश की बेरूखी के चलते आजम ने कई बार नाराजगी का नाटक भी किया, परंतु उनका यह दांव कभी सफल नहीं हो पाया। एक बार सपा से बाहर का रास्ता देख चुके आजम ने उस समय सपा प्रमुख मुलायम सिंह के ऊपर तमाम अमार्यादित टिप्पणियां की थीं,जिनके लिये वह आजकल कसीदे पढ़ते रहते हैं। तब मुलायम सिंह ने आजम की किसी सही-गलत बात का कोई जबाव नहीं दिया था जैसा आजकल पीएम मोदी कर रहे हैं। हिन्दुस्तान में शायद दो ही ऐसे नेता ( दिल्ली के सीएम अरिवंद केजरीवाल और आजम खान ) होंगे जो अपना वजूद बचाये रखने के लिये  पूरी शिद्दत के साथ दिन-रात मोदी को कोसते रहते हैं, ताकि एक बार ही सही मोदी उनके खिलाफ मुंह खोल दें, जिससे उनको बैठे-बैठाये पब्लिक सिटी मिल जाये, लेकिन मुलायम भी सब जानते थे और मोदी ने भी कच्ची गोलिया नहीं खेली है। मोदी ऐसे लोंगो को कभी तरजीह नहीं देते हैं जो अपनी सियासत चमकाने के लिये उनके(मोदी) नाम का जाप करते रहते हैं।

न्योता... भड़ास के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए


मित्रों.... 11 सितंबर को कांस्टीट्यशन क्लब में भड़ास4मीडिया के कार्यक्रम में आप निमंत्रित हैं.. कृपया इस आनलाइन निमंत्रण को स्वीकार करें....

हम हैं लुटेरे जनम जनम के...

डॉ राकेश पाठक

देखा आपने... यूपी के देवरिया में राहुल गांधी की खाट सभा के बाद किस तरह खटिया लूट मची। नहीं देखा तो देखिये..और सोचिये यही हैं हम..लुटेरे कहीं के.. राहुल गांधी की सभा में आये लोग जिस बेशर्मी से खाट लूट रहे थे उसे देख कर हैरानी नहीं हुयी। हमने कभी कोई मौक़ा नहीं छोड़ा है लूटने का... अभी हरियाणा में जाट आंदोलन में चाय की गुमटी से लेकर बड़े बड़े शॉपिंग मॉल तक हमने निर्लज्ज़ता से लूटे थे। पूरे ठाठ से,न शरम न लिहाज़।



5.9.16

झोलाछाप डॉक्टरों का गोरखधंधा अधिकारियों के संरक्षण में फलता फूलता नजर आ रहा है

छतरपुर। नगर ही नहीं बल्कि आसपास बसी कॉलोनियों और ग्रामीण क्षेत्रो में बगैर डिग्री के झोलाछाप डॉक्टरों का गौरखधंधा अनबरत रूप से जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का संरक्षण इन्हे प्राप्त है। जिसके कारण ये अधिकारी इन झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते। मजबूरी बस लोग इनसे इलाज करवा रहे है। जिसके बदले में खुलेआम ये डॉक्टर मौत भी परोस रहे है। प्रशासनिक अधिकारी कुम्भकरणीय नींद में सो रहे है।

3.9.16

गोरखपुर पुलिस ने ट्विटर पर उच्चाधिकारियों और वादी को दी झूठी सूचना

गोरखपुर पुलिस के ट्विटर एकाउंट से आईजी, डीआईजी और पीड़ित को झूठी सूचना दी गई है। वादी वेद प्रकाश पाठक ने ट्विटर पर इस सूचना पर आपत्ति जताते हुए, एफबी और ट्विटर के जरिये पुलिस अफसरों से 11 सवाल पूछे हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर पुलिस के ट्विटर एकाउंट से उनके शिकायत के बारे में बताया गया कि मामला फोरम न्यायालय में दाखिल है। जबकि मामला किसी भी फोरम में दाखिल ही नहीं है। प्रकरण सिटी माल के पार्किंग परिसर से 17 जनवरी 2015 की शाम को श्री पाठक के नये हेलमेट चोरी से जुड़ा है।

प्रशासन आजादी के 70 साल बाद भी समाज में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पा रहा

मीडिया और प्रशासन का अन्योनाश्रय संबंध है। आजादी के लगभग 70 साल बाद भी प्रशासन, समाज के बीच अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग पुलिस के नाम से डरते हैं। लेकिन समय के साथ प्रशासन के कार्यों में भी बदलाव हो रहा है। समाज के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध के लिए प्रशासन कई योजनाएं भी चला रहा। समाज और प्रशासन के संबंधों को जोड़ने में मीडिया का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। समाज और प्रशासन के बीच मीडिया मध्यस्था की भूमिका अदा करता है। उक्त बातें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनंसंचार विभाग में मीडियाः प्रशासन और समाज का अंतर्संबंध पर आयोजित मीडिया संवाद में वर्धा के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कही।

बरेली मण्डल में एड्स के 270 मरीज लापता!

नशे के आदी लोगो पर मंडराता एड्स रूपी मानव बम का बड़ा खतरा 

बरेली मण्डल में इंजेक्शन से नशा करने के आदी लोगों पर एड्स बम का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. 2012 से 2013 के बीच बरेली के जिला अस्पताल में इलाज कराने 86 एच् आई वी मरीज पहुँचे थे पर इलाज छोड़ कर अचानक बीच से ही गायब हो गये. खास बात यह है कि ये मरीज बरेली के ही पुराना शहर, काली बाड़ी, फरीदपुर, फतेगंज पश्चिमी विसलपुर, पुरनपुर तथा बदायूँ जनपद के सहसवान क्षेत्र के हैं लेकिन इन मरीजों के बारे में जिला अस्पताल बरेली के पास कोई जानकारी नहीं है.

सत्यजीत रे ने यथार्थवादी सिनेमा दिखाने के लिए कभी गालियों का सहारा नहीं लिया

भोपाल । वैदिक काल से मनोरंजक का अस्तित्व रहा है। नाट्यशास्त्र की रचना इसका उदाहरण है। देवताओं के राजा इंद्र ने कहा था कि देवताओं को रंगमंच का भय रहता है। इसके लिए ज्ञानी लोगों की जरूरत है। अमृत मंथन को दुनिया की पहली नाट्य प्रस्तुति माना जाता है। इस नाटक को देखने के बाद प्रजापति ने कहा कि इसमें सौन्दर्य का अभाव है। इसके बाद उन्होंने इंद्र को 25 अप्सरायें दी। आज भी फिल्मों में अप्सराओं की जरूरत पड़ती है। सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व अभिनेता डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने यह बात कही। श्री द्विवेदी शुक्रवार को मुंबई प्रेस क्लब में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल के रजत जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

मोदी जी का दलित हितैषी होने का दावा निरा धोखा

लखनऊ : “मोदी जी का दलित हितैषी होने का दावा निरा धोखा” यह बात आज एस.आर. दारापुरी, भूतपूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस नोट में कही है. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ मोदी जी दलित हितैषी और दलितों के विकास के लिए समर्पित होने का दावा कर रहे हैं वहीँ उनके अपने राज्य गुजरात में दलित अपने उत्पीड़न और गुजरात के विकास माडल के कारण पिछड़ेपन के खिलाफ आन्दोलन चला रहे हैं. मोदी जी के दलित संरक्षक होने की पोल हाल में राष्ट्रीय अपराध अनुसन्धान ब्यूरो द्वारा क्राईम इन इंडिया- 2015 रिपोर्ट से ही खुल जाती है.

कितनी मुस्लिम हितैषी है मायावती?

एस.आर. दारापुरी
भूतपूर्व पुलिस महानिरीक्षक

आजमगढ़ रैली में मुसलमानों को फुसलाने के लिए मायावती ने कहा है कि “ निर्दोष मुसलमानों को आतंक के मामलों में झूठा फंसाया जाता है.” मायावती का यह कथन केवल चुनावी जुमला है. यह सर्वविदित है कि मायावती के 2007 वाले मुख्य मंत्री काल में ही सब से अधिक निर्दोष मुसलमान निम्नलिखित बम बिस्फोटों के मामलों में फंसाए गए थे: (1) तीन बम  विस्फोट, गोरखपुर. 22 मई, 2007, (2) वाराणसी कचेहरी विस्फोट, 23 नवम्बर, 2007,  (3) फैजाबाद कचेहरी विस्फोट, 23 नवम्बर, 2007 तथा (4) लखनऊ कचेहरी विस्फोट, 23 नवम्बर, 2007.

आयकर छापे की खबर भास्कर ने दबाई, हरिभूमि भोपाल ने उठाई, देखें कवरेज



मध्य भारत के आइसक्रीम किंग कहे जाने वाले रामानी ब्रदर्स के 18 ठिकानों पर आयकर विभाग के 200 अफसरों ने छापेमारी कार्रवाई की।  दैनिक समाचार पत्र हरिभूमि ने इस समाचार को पूरी डिटेल के साथ प्रथम पेज लीड बनाकर लिया, जबकि भास्कर समूह ने भोपाल संस्करण के पेज 3 पर समाचार को लिया, जिसमें कंपनी और निर्माताओं के नाम गायब कर दिए गए। अब जिन पाठकों ने दैनिक भास्कर को नंबर वन बनाया है, उनको संपादक अवनीश जैन का गला पकड़कर पूछना चाहिए कि छापे पर पूरी डिटेल क्यों नहीं छापी गई? क्यों हमें पूरे समाचार से महरूम रखा गया?