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3.9.16

गोरखपुर पुलिस ने ट्विटर पर उच्चाधिकारियों और वादी को दी झूठी सूचना

गोरखपुर पुलिस के ट्विटर एकाउंट से आईजी, डीआईजी और पीड़ित को झूठी सूचना दी गई है। वादी वेद प्रकाश पाठक ने ट्विटर पर इस सूचना पर आपत्ति जताते हुए, एफबी और ट्विटर के जरिये पुलिस अफसरों से 11 सवाल पूछे हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर पुलिस के ट्विटर एकाउंट से उनके शिकायत के बारे में बताया गया कि मामला फोरम न्यायालय में दाखिल है। जबकि मामला किसी भी फोरम में दाखिल ही नहीं है। प्रकरण सिटी माल के पार्किंग परिसर से 17 जनवरी 2015 की शाम को श्री पाठक के नये हेलमेट चोरी से जुड़ा है।


कैंट पुलिस द्वारा चोरी का मुकदमा न दर्ज करने पर उन्होंने तत्कालीन डीआईजी डा. संजीव गुप्ता से शिकायत की थी। डीआईजी के निर्देश पर मामले की जांच पहले सीओ गोरखनाथ के पास गई और बाद में सीओ कैंट के पास। दोनों स्थानों पर उनका बयान हुआ। श्री पाठक ने बताया कि 1.5 साल तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने फेसबुक पर डीआईजी के नाम खुला पत्र लिखा और आईजी जोन को ट्विट किया। ट्विट के उत्तर में डीआईजी रेंज के ट्विटर पेज से बताया गया कि मामले कि जांच और कार्रवाई के लिये एसपी सिटी को निर्देशित किया गया है।

जब दो माह और बीत गए और कार्रवाई नहीं हुई तो वेद प्रकाश.ने आईजी जोन को फिर से ट्विट किया। इस बार बताया गया कि सीओ कैंट को वैधानिक कार्रवाई के लिये कहा गया है। श्री पाठक को आज ट्विटर के जरिये बताया गया कि परिवाद फोरम न्या. में दाखिल है। श्री वेद प्रकाश पाठक पेशे से पत्रकार हैं और चोरी का मुकदमा लिखवाने के लिये 1.7 साल से प्रयास कर रहे हैं। आज के गोरखपुर पुलिस के सार्वजनिक मंच पर बोले गये झूठ और पुलिस की कार्यशैली का पर्दाफाश करने वाले 11 सवाल उन्होंने फेसबुक पर उठाया है और ट्विटर के जरिये अफसरों को सूचित किया है। लिंक पर सभी डिटेल मौजूद है https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=914065785390541&id=100003613853041

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