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16.9.23

इस धोखाधड़ी के लिए किस संस्था को ज़िम्मेदार ठहराया जाए?

sandeep kumar
journalistkumar899@gmail.com


ग़ाज़ियाबाद ज़िले में साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाक़े से साइबर फ़्रॉड की एक बहुत बड़ी वारदात सामने आई है…जालसाजी की शुरुआत कैनरा बैंक के कर्मचारी ने की….और उसके साथ कुछ और लोगों ने मिलकर 5 लाख से ज़्यादा का साइबर फ़्रॉड किया ….15 जुलाई को पीड़ित ने कैनरा बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर एफ़डी की डुप्लीकेट कॉपी लेने के लिए फ़ोन किया…तो उधर से एक लिंक व्हॉट्सएप पर भेजकर उसमें डीटेल्स भरने के लिए कहा गया…


डीटेल्स भरते ही 4 बैंकिंग ट्रांजेक्शन्स के माध्यम से जालसाज़ों ने 5 लाख 2500 रुपए पीड़ित के अकाउंट से उड़ा लिए…जिसकी जानकारी कैनरा बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर और साइबर क्राइम सेल (1930) पर उसी दिन दर्ज कराई गई…रात 7-8 बजे के बीच शिकायत दर्ज भी हो गई…लेकिन साइबर सेल और कैनरा बैंक की तरफ़ से कोई एक्शन नहीं लिया गया…जिसके बाद अगले दिन थाना साहिबाबाद में 5 लाख के फ़्रॉड की पीड़ित ने FIR दर्ज कराई, जिसके बाद से मामले को लेकर हीलाहवाली देखने को मिल रही है….साहिबाबाद थाने से ज़िम्मेदारी साइबर सेल पर डाली जा रही है…और साइबर सेल का कहना है कि कार्रवाई थाने से ही होनी है…जिस वजह से पीड़ित को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पीड़ित के साथ 5 लाख से ज़्यादा का फ़्रॉड हो गया उसके बाद भी लग रहा है जैसे मामले में लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है और कैनरा बैंक ने तो इस मामले में किसी भी तरह की सहायता से हाथ खड़े कर दिए हैं।

अब इसमें गलती कैनरा बैंक की ये निकलकर सामने आ रही है कि उनका ही कोई कर्मचारी कैनरा बैंक के ही कस्टमर्स को ठग रहा है और ठगी के बाद बैंक ज़िम्मेदारी लेने से इनकार कर रहा है और फिर सवाल ये भी तो बनता है कि जब 1930 पर कॉल करके 5 लाख की ठगी में भी तुरंत एक्शन नहीं लिया गया…तो फिर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाने का मतलब ही क्या है? इस धोखाधड़ी के लिए किस संस्था को ज़िम्मेदार ठहराया जाए?


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